
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय ओमान दौरे पर हैं, जहां उन्होंने सोमवार को आयोजित आठवें हिंद महासागर सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत और ओमान के कूटनीतिक संबंधों के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष लोगो का अनावरण किया। इसके साथ ही, दोनों देशों की साझा विरासत पर आधारित एक किताब का भी विमोचन किया गया, जिसका नाम “मांडवी टू मस्कट: भारतीय समुदाय और भारत और ओमान का साझा इतिहास” है।
क्षेत्रीय सहयोग को प्राथमिकता
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, विदेश मंत्री ने सम्मेलन में उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए भारत के समर्पण पर जोर दिया, जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और इसे स्थिर व समृद्ध बनाने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके साथ ही, एस जयशंकर ने ओमान के विदेश मंत्री सैयद बद्र अलबुसैदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई। उन्होंने ओमान की सरकार को हिंद महासागर सम्मेलन आयोजित करने के लिए सराहा।
द्विपक्षीय मुलाकातों का दौर
हिंद महासागर सम्मेलन के अलावा, डॉ. जयशंकर ने ब्रुनेई, बांग्लादेश, ईरान, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और नेपाल के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की। इन बैठकों में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने और हिंद महासागर क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की गई।
यह दौरा भारत और ओमान के बीच कूटनीतिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है, साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को और मजबूती मिल रही है।















