त्योहारी माह में देश में कारों की बिक्री का नया रिकॉर्ड बना है। अक्टूबर 2024 में कारों की खुदरा बिक्री पहली बार 5 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। वाहन डेटा के अनुसार, 31 अक्टूबर तक कुल 5.13 लाख कारों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, यानी हर दिन औसतन 16,550 कारें बिकीं। इससे पहले जनवरी 2024 में 3.99 लाख कारों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, जो एक रिकॉर्ड था।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में हर महीने औसतन 3.33 लाख गाड़ियां बिकीं हैं, जो पिछले साल की तुलना में 5 फीसदी ज्यादा है। पिछले वर्ष कुल 38 लाख कारें बिकी थीं। पहली बार इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री भी 10 हजार के आंकड़े को पार कर गई, जो सालाना आधार पर 38 फीसदी की वृद्धि है। वाहनों के होलसेल डेटा से यह भी पता चलता है कि खरीदारों का रुझान अब एसयूवी और प्रीमियम कारों की ओर अधिक है। कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने पहली बार किसी महीने में दो लाख से ज्यादा कारों की बिक्री की। कंपनी की कुल बिक्री 4 फीसदी बढ़कर 2,06,434 यूनिट्स पर पहुंच गई,
जिसमें से 33,168 कारें एक्सपोर्ट की गईं। मारुति की एसयूवी सेगमेंट की बिक्री में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि छोटी कारों की बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। कंपनी ने देश में सबसे ज्यादा 1,59,591 कारों की बिक्री की, हालांकि डोमेस्टिक होलसेल में कुल मिलाकर 5 फीसदी की गिरावट रही। इस तरह के आंकड़े भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में स्थिरता और वृद्धि का संकेत देते हैं। कारों की बढ़ती मांग, विशेष रूप से एसयूवी और इलेक्ट्रिक वाहनों में, यह दर्शाती है कि उपभोक्ता अब ज्यादा सुविधा और प्रीमियम अनुभव की ओर रुख कर रहे हैं।