Ashish Mishra के बैरक में चार कूलर-घर से आता है खाना, क्या मिल रही हैं VIP सुविधाए?

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है। जेल की बैरक में उसे गर्मी न लगे इसके लिए चार-चार कूलर लगाए हैं। यही नहीं उसके लिए घर से पकाया हुआ पसंद का स्पेशल वेज खाना भी जेल पहुंचाया जाता है। खबरों के मुताबिक आशीष मिश्रा के लिए बाहर से स्पेशल पान भी मंगाया जाता है, वह भी एक या दो बार नहीं बल्कि पूरे 30 से 40। इसके अलावा उसके लिए नए गद्दे और चादर का इंतजाम भी किया गया है। आशीष मिश्रा 24 अप्रैल से लखीमपुर जेल की बैरक नंबर 20 में बंद है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर खूब चर्चा है। ट्विटर पर ‘मुजरिम है वीआईपी नहीं’ टॉप ट्रेंड है।

एक यूजर अनवीर चहल ने लिखा- भाजपा के नेता ईमानदारी पत्रकारों, कुछ ईमानदार पुलिस अधिकारियों औरवकीलों के खिलाफ अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने की अनुमति क्यों देते हैं? आपको उन नेताओं को बर्खास्त करना चाहिए। मुजरिम है वीआईपी नहीं।

मोहित गहलोत नाम के यूजर ने लिखा- यह भारत में बहुत सच है और एक बार फिर साबित हुआ है..अगर आपके पास पैसा और ताकत है, चाहे आप कितने भी खतरनाक अपराधी हों, आपको वीआईपी ट्रीटमेंट मिलेगा। अजय मिश्रा टेनी के बेटे के मामले में भी ऐसा ही हो रहा है जिसने चार किसानों को कुचल डाला था। शर्मनाक।

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद मंत्रीपुत्र आशीष मिश्रा ने 24 अप्रैल को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया था। हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लगाई गईं थीं।

मंत्रीपुत्र के लिए जमानत का फैसला हाईकोर्ट ने कैसे सुना दिया इस पर खूब चर्चा भी हुई थी। वकील की दलील के बाद हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि अभियोजन की दलीलें मान भी लें तो स्पष्ट है कि घटनास्थल पर हजारों प्रदर्शनकारी थे। ऐसे में संभव है कि ड्राइवर ने बचने के लिए गाड़ी भगाई और यह घटना हो गई।

याची ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों में कई लोग तलवारें व लाठियां लिए हुए थे। बहस के दौरान कहा गया कि एसआईटी ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी

याची ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों में कई लोग तलवारें व लाठियां लिए हुए थे। बहस के दौरान कहा गया कि एसआईटी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पेश कर सकी जिससे साबित हो कि गाड़ी चढ़ाने के लिए उकसाया गया।

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