पाकिस्तान के पंजाब में बाढ़ से हाहाकार, सिखों का तीर्थस्थल करतारपुर डूबा, दो बांध तोड़े गए

इस्लामाबाद, पाकिस्तान। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मानसूनी बारिश से सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। समूचे प्रांत में बाढ़ से हाहाकार मच गया है। रावी, चिनाब और सतलुज नदियों में आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है। सैकड़ों गांव जलमग्न हैं। फसलें नष्ट हो गईं और मवेशी बह गए। बाढ़ग्रस्त नारोवाल जिले का करतारपुर लगभग डूब गया है। करतारपुर कॉरिडोर पहले से ही जलमग्न है। दुनिया भर के सिख समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थस्थल करतारपुर गुरुद्वारा दरबार साहिब परिसर पिछले 24 घंटे से डूबा हुआ है। प्रांत के आठ जिलों में सेना ने मोर्चा संभाल लिया है।

पाकिस्तान के उर्दू अखबार डेली जंग की आज की खबर के अनुसार, इस आपदा में गुजरांवाला संभाग में सात लोगों की मौत हो गई है। सियालकोट में मूसलाधार बारिश से आपात स्थिति पैदा हो गई है। प्रांत में अब तक 210,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ऊंचे स्थानों पर प्रभावित लोगों के रहने के लिए हजारों तंबू लगाए गए हैं। मस्जिदों से लगातार मदद की घोषणा की जा रही है।

हेड कादिराबाद को बचाने के लिए चिनाब नदी पर बने दो बांध तोड़ दिए गए हैं। इनमें एक मंडी बहाउद्दीन और दूसरा गुजरांवाला जिले के अलीपुर चट्ठा का बांध है। बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित आठ जिलों में सेना ने जिला प्रशासन के साथ राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया है। बुजुर्ग कहते हैं कि 38 साल बाद रावी नदी का ऐसा रौद्र रूप दिखा है। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के डीजी इरफान अली काठिया के मुताबिक, अगले 48 घंटे रावी और चिनाब के लिए बेहद नाजुक हैं। कादिराबाद से पिंडी भट्टियां तक ​​चिनाब नदी के किनारे रहने वाले निवासियों से यथाशीघ्र स्थान खाली करने का आग्रह किया गया है।

डेली जंग के अनुसार, नारोवाल में रावी नदी का पानी करतारपुर कॉरिडोर में घुस गया है। इससे सिखों के धार्मिक स्थल को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है। गुरुद्वारा साहिब जलमग्न नजर आ रहा है। नारोवाल रोड पर भी पानी भर गया है और शकरगढ़ हाइवे भी यातायात के लिए बंद है। रावी नदी के शकरगढ़ भेको चक में बांध में दरार आ गई है। शकरगढ़ गांव के जरमियां झंडा क्षेत्र में पानी में फंसे 21 लोगों को बचाया गया है। रावी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालात को देखते हुए सिविल डिफेंस ने अलर्ट जारी कर सायरन बजाया है। दूसरी ओर, सतलुज नदी भी उफान पर है और गंडा सिंह हेड पर पानी का बहाव 245,000 क्यूसेक दर्ज किया गया है।

करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक भारतीय सिखों को पहुंचने की सुविधा प्रदान करता है। इसे गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व से पहले नवंबर 2019 में खोला गया था। गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर सिख समुदाय के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। करतारपुर की स्थापना 1504 में गुरुनानक देव ने की थी। उन्होंने रावी नदी के किनारे अपना ठिकाना बनाया था।

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