
लखीमपुर खीरी। श्रावण मास के पवित्र अवसर पर गोला गोकर्णनाथ, जिसे श्रद्धालु ‘छोटी काशी’ के नाम से जानते हैं, सोमवार को शिवभक्तों की आस्था की बाढ़ से सराबोर नजर आई। बाबा गोकर्णनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए दूर-दराज़ से आए लाखों श्रद्धालुओं ने पूरे नगर को भक्तिमय बना दिया। सावन के तीसरे सोमवार को भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहा।
जनसुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा स्वयं रविवार रात से ही सड़कों पर डटे रहे। उन्होंने हर प्रमुख शिविर, चौराहे और मंदिर मार्ग का निरीक्षण किया और पल-पल पर मातहत अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते रहे। उनकी सक्रियता से पुलिस बल में भी अतिरिक्त सतर्कता और तेजी आई।
अशोक चौराहे पर भीड़ का अचानक बढ़ा दबाव, दो महिलाएं घायल
सुबह करीब दस बजे के आसपास अशोक चौराहे पर श्रद्धालुओं की भीड़ एकाएक अनियंत्रित हो गई। इस दौरान धक्का-मुक्की में दो महिलाएं गिर पड़ीं और घायल हो गईं। वहां तैनात पुलिसकर्मी तुरंत हरकत में आए, लेकिन हालात बिगड़ने लगे थे।
इस विषम स्थिति को संभालने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) प्रकाश कुमार स्वयं मौके पर पहुंचे और बिना देर किए अपनी टीम के साथ भीड़ को नियंत्रित करने में जुट गए। कांस्टेबल गौरव, हमराही हिमांशु और चालक हेड कांस्टेबल दया शंकर सिंह ने जान की परवाह किए बिना घायल महिलाओं को भीड़ के बीच से सुरक्षित निकाला।
कर्तव्य की मिसाल: पुलिसकर्मी घायल होकर भी डटे रहे
इस रेस्क्यू के दौरान हेड कांस्टेबल दया शंकर सिंह की दो उंगलियों के नाखून उखड़ गए और अंगूठा गहराई से जख्मी हो गया। खून बहता रहा लेकिन उन्होंने न तो अपना मोर्चा छोड़ा, न ही हिम्मत।
पुलिस ने फिर साबित किया – वर्दी सिर्फ शक्ति नहीं, सेवा का प्रतीक भी है
सावन के इस विशेष दिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने फिर यह सिद्ध कर दिया कि तमाम आरोपों और आलोचनाओं के बीच वह वही विभाग है, जो जनता की सेवा में न सिर्फ दिन-रात खड़ा है, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर अपनी जान की परवाह किए बिना फर्ज निभाता है।
जनसैलाब की स्थिति में कहीं कोई बड़ा हादसा नहीं होना, जिला प्रशासन और पुलिस की तैयारी और तत्परता का प्रमाण है। हर नाके, हर मार्ग पर पुलिस की निगरानी बनी रही। गोला नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी उपस्थिति से राहत का एहसास कराया।
गोला गोकर्णनाथ में सावन के तीसरे सोमवार को उमड़ी अपार भीड़ के बीच पुलिसकर्मियों की बहादुरी और प्रशासन की चुस्त तैयारी ने एक बड़ी घटना को टाल दिया। खासकर एएसपी प्रकाश कुमार की तत्परता और हेड कांस्टेबल दया शंकर सिंह की कर्तव्यपरायणता इस दिन की सबसे बड़ी मिसाल बनकर उभरी।