
नई दिल्ली। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि वह सिंगापुर से अपना मुख्यालय भारत स्थानांतरित करने की तैयारी कर रही है। यह कदम कंपनी के आगामी IPO (Initial Public Offering) से पहले उठाया जा रहा है।
2007 में शुरुआत, 2011 में विदेश और अब वापसी!
फ्लिपकार्ट की स्थापना 2007 में बेंगलुरु में हुई थी, लेकिन 2011 में कंपनी ने अपनी होल्डिंग सिंगापुर में स्थानांतरित कर दी थी। अब एक बार फिर, कंपनी अपनी जड़ों की ओर लौट रही है।
फ्लिपकार्ट ने इस बदलाव को “स्वाभाविक कदम” बताया है जो भारत के बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम और ऑपरेशनल विस्तार से मेल खाता है।
भारत में IPO और बेहतर वैल्यूएशन की तैयारी
कंपनी के इस फैसले के पीछे उसका उद्देश्य भारत में बेहतर वैल्यूएशन हासिल करना और स्थानीय शेयर बाजार में लिस्टिंग की संभावनाओं को बढ़ावा देना है।
वॉलमार्ट के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, “हम आने वाले वर्षों में फ्लिपकार्ट और फोनपे दोनों को भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट करने की योजना बना रहे हैं।”
कई स्टार्टअप कर चुके हैं ‘भारत वापसी’
फ्लिपकार्ट से पहले Zepto, Groww, और PhonePe जैसे बड़े भारतीय स्टार्टअप भी भारत में मुख्यालय स्थानांतरित कर चुके हैं। यह बदलाव स्टार्टअप्स को भारतीय निवेशकों के करीब लाता है और उन्हें स्थानीय IPO का फायदा उठाने में मदद करता है।
‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ बन रहा बड़ा आकर्षण
भारत सरकार की ‘Ease of Doing Business’ नीति, डिजिटल बुनियादी ढांचे और मजबूत आर्थिक दृष्टिकोण के कारण कई भारतीय कंपनियां अब भारत को अपना स्थायी बेस बनाने की ओर अग्रसर हैं।
Razorpay, Pine Labs, और InMobi जैसी कंपनियां भी अब भारत में अपने ऑपरेशन को बढ़ा रही हैं।
क्या मिलेगा इस कदम से फायदा?
- घरेलू निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा
- IPO की राह आसान होगी
- नियामक पारदर्शिता और बेहतर ब्रांड इमेज
- भारतीय बाजार में पकड़ और मजबूत होगी