Flipkart: अब ई-कॉमर्स की मदद से मजबूत हो रहे छोटे कारोबारी

टेक्नोलॉजी अब सिर्फ प्रोग्रामिंग और कंप्यूटर की भाषाओं तक सीमित नहीं रही है, बल्कि यह लोगों के जीवन को सरल और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण है ई-कॉमर्स उद्योग, जिसने न केवल बड़े व्यवसायों, बल्कि छोटे उद्यमियों और कारीगरों के जीवन में भी क्रांतिकारी बदलाव लाया है। इसी दिशा में, Flipkart Samarth ने छोटे व्यापारियों और कारीगरों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बड़े बाजारों से जोड़ा है।

यास्मीन अदिल की प्रेरणादायक कहानी

लखनऊ की यास्मीन अदिल एक सफल विक्रेता हैं और Flipkart Samarth के जरिए उन्होंने अपना व्यवसाय नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यास्मीन पहले एक रचनात्मक व्यवसाय शुरू करना चाहती थीं, लेकिन जब उनके पति को एक जानलेवा बीमारी हो गई और वे दुबई से भारत लौट आए, तो उनका व्यवसाय ही परिवार की आय का मुख्य स्रोत बन गया। यास्मीन थोक विक्रेताओं से कपड़ा खरीदती हैं और इसे उन महिलाओं को देती हैं जो घर पर कढ़ाई का काम करती हैं। Flipkart Samarth ने उन्हें न सिर्फ उचित प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की, बल्कि सही बाजार संबंधी जानकारी भी दी, जिससे उन्होंने अपने व्यवसाय को सफलता की नई ऊंचाई पर पहुंचाया।

यास्मीन कहती हैं, “यह सिर्फ बिक्री का मामला नहीं है, बल्कि यह सीखने का अवसर है कि एक व्यवसाय को कैसे बनाए रखें और बढ़ाया जाए।”

Flipkart के सहयोग से MSMEs को मिली नई ताकत

Flipkart ने MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) के लिए कई ऐसी सुविधाएं प्रदान की हैं जो उनकी बिक्री और व्यवसाय को बढ़ावा देने में मदद कर रही हैं। जैसे कि कैश ऑन डिलीवरी, नो-कॉस्ट EMI, आसान रिटर्न और UPI भुगतान जैसी सुविधाओं ने छोटे विक्रेताओं को व्यापक ग्राहक पहुंच दी है। Flipkart के प्लेटफॉर्म पर अब 14 लाख से अधिक विक्रेता हैं, जो 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

गुजरात के जिग्नेश जीवानी ने भी Flipkart के माध्यम से अपने व्यवसाय को कई गुना बढ़ाया है। वे कहते हैं, “Flipkart हमें डेटा-ड्रिवन प्लानिंग उपलब्ध कराता है, जिससे हम बाजार के ट्रेंड्स को समझकर अपने स्टॉक और बिक्री को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।”

MSMEs और ई-कॉमर्स का आर्थिक प्रभाव

भारत के ई-कॉमर्स निर्यात का वर्तमान अनुमान $2 से $5 बिलियन के बीच है, जो 2030 तक $200 से $300 बिलियन तक पहुंच सकता है। MSMEs ने 2024-25 में भारत के कुल निर्यात का 46% योगदान दिया है, जो यह दर्शाता है कि ई-कॉमर्स इन उद्यमों के लिए एक अहम अवसर साबित हो रहा है। 95% से अधिक भारतीय MSMEs सूक्ष्म प्रकृति के हैं, और Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म ने उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बनाने में मदद की है।

Flipkart Samarth ने भारत में मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देते हुए छोटे उत्पादकों को वैश्विक बाजार से जोड़ने का काम किया है। जिग्नेश जीवानी का कहना है, “Flipkart ने हमें सिर्फ सूरत के होलसेल मार्केट से बाहर निकलकर एक राष्ट्रीय ग्राहक आधार तक पहुंचने का अवसर दिया।”

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