
नई दिल्ली : घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने त्योहारी सीजन के दौरान तेज डिलीवरी के नए रिकॉर्ड बनाने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित किए हैं। कंपनी ने 2025 के त्योहारी सीजन के दौरान चार लाख से अधिक मौसमी नौकरियों का सृजन किया, जिससे देशभर में लाखों परिवारों की आजीविका का सहारा मिला है।
कंपनी ने अपने मजबूत कार्यबल और टेक्नोलॉजी से संचालित लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के दम पर अपने प्रतिष्ठित बिग बिलियन डेज सेल का सफल आयोजन किया। इस दौरान रिकॉर्ड संख्या में ऑर्डर्स की डिलीवरी की गई, जिसमें सेम-डे और नेक्स्ट-डे डिलीवरी में 44 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। आधी रात में ऑर्डर किए गए एक अप्लायंस को मात्र 15 मिनट में डिलीवर कर दिया गया, जबकि एक टीवी को डिलीवरी के मात्र 36 मिनट के भीतर इंस्टॉल कर दिया गया।
फ्लिपकार्ट ने कहा कि इस साल के त्योहारी सीजन में टियर-2 और टियर-3 शहरों ने कंपनी की वृद्धि में अहम भूमिका निभाई। बिग बिलियन डेज (बीबीडी) सेल के दौरान कुल ऑर्डरों में इन शहरों की हिस्सेदारी 60 फीसदी से अधिक रही है, जो उभरते भारतीय बाजारों में ऑनलाइन खरीदारी की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है। इस पूरे त्योहारी सीजन में फ्लिपकार्ट की सप्लाई चेन ने यह साबित किया कि टेक्नोलॉजी और लोगों को केंद्र में रखकर किस तरह भारत की त्योहारी तेजी को नई रफ्तार दी जा सकती है।
कंपनी के मुताबिक व्यस्ततम दिनों (पीक डेज) में फ्लिपकार्ट ने हर मिनट 5,000 से ज्यादा शिपमेंट मूव किए। टेक्नोलॉजी आधारित डिमांड सेंसिटिव सप्लाई चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर से यह संभव हुआ। फ्लिपकार्ट ने पिछले साल के मुकाबले ऑर्डर के दिन (सेम डे) और अगले दिन (नेक्स्ट डे) डिलीवरी में 44 फीसदी का उछाल देखा, जो ग्राहकों की बढ़ती उम्मीदों और कंपनी की बढ़ती क्षमता को दिखाता है। कंपनी ने बताया कि एक दिन में 73 लाख से ज्यादा शिपमेंट यानी हर घंटे औसतन 3 लाख से ज्यादा शिपमेंट के साथ फ्लिपकार्ट नेटवर्क ने सटीक तरीके से काम किया।
फ्लिपकार्ट ने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान कंपनी के परिचालन को इंटेलीजेंट सप्लाई चेन से ताकत मिली, जिससे तेजी से और लगातार करोड़ों यूनिट्स को मूव करना संभव हुआ। एआई-पावर्ड फोरकास्टिंग, एमएल आधारित प्लानिंग और रियल आइम कैपेसिटी ऑर्केस्ट्रेशन से ज्यादा मांग वाले समय में भी नेटवर्क मजबूत बना रहा। साथ ही ऑटोमेटेड इन्वेंटरी प्लेसमेंट और एआई आधारित आईडब्ल्यूआईटी (इंटर वेयरहाउस इन्वेंटरी ट्रांसफर) से स्टॉक की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिली।
इसके अलावा फुलफिलमेंट सेंटर्स में एजीवी, रोबोटिक आर्म, क्रॉस बेल्ट सॉर्टर और सेंसर आधारित ट्रैकिंग से टर्नअराउंड टाइम को कम करने में मदद मिली। इसे एआई पावर्ड एक्स-रे फ्रॉड डिटेक्शन और एडवांस्ड जियोकोडिंग का भी समर्थन मिला, जिससे भारत के विविधतापूर्ण परिवेश में भी बेहतर एक्यूरेसी संभव हुई। एआई आधारित पैकेजिंग टूल्स से मैटेरियल ऑप्टिमाइज करने और कचरा कम करने में मदद मिली। विविधतापूर्ण, प्रशिक्षित वर्कफोर्स और टेक्नोलॉजी से संचालित नेटवर्क की पहुंच 21,000 पिन कोड तक है। इस क्षमता से फ्लिपकार्ट के लिए पीक ऑवर में सुगमता से लाखों ऑर्डर को मैनेज करना और भारतीय परिवारों को भरोसेमंद और सकारात्मक अनुभव देना संभव हुआ।
फ्लिपकार्ट समूह के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और सप्लाई चेन, कस्टमर एक्सपीरियंस एवं री-कॉमर्स हेड हेमंत बद्री ने कहा, ‘त्योहारी सीजन में हमारे विस्तार एवं सटीक परिचालन की असली परीक्षा होती है। इस दौरान हमारे सप्लाई चेन ने दिखा दिया कि जब लोगों, प्रक्रियाओं और टेक्नोलॉजी को बड़े पैमाने पर साथ लाया जाए, तो क्या परिणाम मिलता है। कुछ ही मिनट में बड़े अप्लायंस की डिलीवरी से लेकर देश के दूरदराज के क्षेत्रों में डिलीवरी को सक्षम बनाने तक, हमारा नेटवर्क इन जरूरतों को पूरा करने के लिए बना है।
उन्होंने कहा कि इस बार का त्योहारी सीजन सिर्फ तेजी और विस्तार के लिए ही खास नहीं रहा, बल्कि इसने 4 लाख से ज्यादा सीजनल रोजगार, क्षेत्रीय स्तर पर ज्यादा पहुंच और समावेशी नियुक्तियों के मामले में भी खुद को अलग साबित किया, जिससे सच्चे भारत की तस्वीर दिखती है। टेक्नोलॉजी को माध्यम बनाते हुए और लोगों को केंद्र में रखते हुए हमें गर्व है कि हम सिर्फ पैकेज डिलीवर नहीं करते, बल्कि पूरे भारत में लाखों परिवारों के लिए भरोसा और उत्सव डिलीवर करते हैं।
हरियाणा के झज्जर और उत्तर प्रदेश के बहराइच जैसे छोटे शहरों में ऑर्डर में तेज उछाल देखने को मिला, क्योंकि फ्लिपकार्ट ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। छोटे फर्नीचर और घरेलू सामान जैसी श्रेणियों में नॉन-मेट्रो मार्केट में सबसे ज्यादा (90 फीसदी) तेजी देखी गई। बढ़ती उम्मीदों और ग्राहकों के बढ़ते डिजिटल आत्मविश्वास से यह संभव हुआ। इस तेजी में 28 राज्यों में बड़े वर्कफोर्स का योगदान रहा। बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए 4 लाख से ज्यादा सीजनल रोजगार के अवसर पैदा हुए। इनमें 15 फीसदी ऐसे लोग शामिल रहे, जिन्होंने पहली बार इस क्षेत्र में काम किया था।















