-इन ग्राम पंचायतों में खारे पानी के साथ ही फ्लोराइड की भी थी समस्या
शिव प्रकाश शर्मा
मथुरा। कान्हा की नगरी में खारेपानी की समस्या बहुत पुरानी है। पानी के खारेपन में फ्लोराइड की बढती मात्रा समस्या को और जटिल बना रही है। इस समस्या के समाधान के लिए जनपद में लगातार काम हो रहा है। लोगों को मीठा पानी मिले और फ्लोराइड क्लोराइड से शरीर पर पडने वाले दुष्प्रभावों से भी बचाया जा सके इसके लिए घरों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है। बीते वित्तीय वर्ष में ग्रामीण पेयजल योजना के तहत पांच ग्राम पंचायतों में आठ करोड 28 लाख रूपये की लागत से योजनाओं को पूरा किया गया। योजना पूरी होने के बाद 2231 घरों तक मीठा पानी पहुंचना संभव हुआ है। अधिशाशी अभियंता जल निगम पीके खंडेलवाल ने बताया कि योजना के तहत उन गावों का चयन किया गया, जिनमें खारे पानी की समस्या के साथ ही फ्लोराइड की मात्रा भी मानकों से बहुत ज्यादा पाई गई थी। ग्रामीण पेयजल योजना के तहत बीते वित्तीय वर्ष में पांच पेयजल योजनाएं पूरी की गईं। जिनमें मांट ब्लाॅक में जयसवा, नौहझील में मानागढी, फरह ब्लाॅक में नगला चंद्रभान, इरौली जुन्नारदार मांट में, खाजपुर नौहझील में पूरी हुई हैं। इस योजना के तहत जैसवा में हाउस होल्ड कनेक्शन 446, मानागढी में 472, नगला चंदभान में 427, इरौली जुन्नारदार में 394, खाजपुर नौहझील में 492 कनेक्शन दिए गए हैं। यह माना जा रहा है कि एक कनेक्शन से कम से कम पांच लोगों को मीठा पानी देगा।
जयसवा में फ्लोराइड बहुत ज्यादा मिला
जयसवा में फ्लोराइड की मात्रा बहुत ज्यादा थी, गांव में 25 से 30 जगह सैंपलिंग कराई। इसके बाद योजना के तहत आबादी क्षेत्र से करीब डेढ किलोमीटर दूर बोरिंग की गई। स्थानीय निवासियों और प्रशासन का पूरा सहयोग रहा है।
ग्राम पंचायत करेगी योजना का संचालन
योजना के लिए कार्यदायी संस्था जल निगम को बनाया गया था। जल निगम ने योजनाओं का काम पूरा करने के बाद योजना को ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दिया गया है। इसके बाद ग्राम पंचायत योजना का रखरखाव करेगी और योजना का संचालन करेगी। प्रत्येक कनेक्शन पर 50 रूपये न्यूनतम शुल्क वसूला जाएगा।