
New Delhi : वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अनुमान को 6.9 फीसदी से बढ़ाकर 7.4 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने इसके पीछे उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी और जीएसटी सुधारों से बेहतर आर्थिक माहौल को प्रमुख कारण बताया है।
फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को दिसंबर के लिए जारी अपनी ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 6.9 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर रहने का अनुमान जताया था।
एजेंसी का कहना है कि उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी, व्यावसायिक माहौल में सुधार और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधारों से बढ़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार इस तेज वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।
फिच ने जारी बयान में दिसंबर के लिए अपनी ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा, “चालू वित्त वर्ष 2025-26 (मार्च के आखिर तक) के बचे हुए समय में ग्रोथ कम होगी, लेकिन हमने अपने पूरे साल के ग्रोथ के अनुमान को सितंबर के 6.9 फीसदी से बढ़ाकर 7.4 फीसदी कर दिया है।”
रेटिंग एजेंसी का यह अनुमान सरकारी डेटा के बाद आया है, जिसमें दिखाया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ छह तिमाहियों के सबसे ऊंचे लेवल 8.2 फीसदी पर पहुंच गई। फिच ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ और बढ़कर 8.2 फीसदी हो गई, जो अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 फीसदी थी।















