संसद के मानसून सत्र में पहले दिन क्या-क्या हुआ, राहुल गाँधी से लेकर रक्षा मंत्री तक का बयान…

20 जुलाई 2025…संसद के मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले, एक सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें ये तय किया गया कि आखिर सरकार को किन मुद्दों पर घेरा जायेगा। केंद्र सरकार ने भी आश्वासन दिया कि हम हर मुद्दे पर बात करने को तैयार है। बैठक में बिहार मतदाता सूची संसोधन, ओडिशा में कानून-व्यवस्था और पहलगाम आतंकवादी हमला, ऑपरेशन सिंदूर सहित विभिन्न मुद्दे उठाए गए।

मीटिंग ख़त्म होते होते ये अंदाज़ा तो लग गया था कि मानसून सत्र का पहला दिन शांत तो नहीं रहने वाला…और जैसा अंदाज़ा था हुआ भी कुछ वही। सत्र का पहला दिन हंगामें की भेंट चढ़ गया। विपक्षी सांसद हंगामा करते हुए वेल में उतर आये और जमकर हंगामा किया, जिसके बाद सत्र को 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। खैर सत्र में क्या क्या हुआ आपको सिलसिलेवार बताते है।

इन मुद्दों पर हुआ हंगामा

सुबह 11 बजे पहलगाम हमले और एयर इंडिया विमान दुर्घटना के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दिए जाने के साथ मानसून सत्र की शुरुआत हुई। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा की मांग की। सपा सांसद हनुमान बेनीवाल ने पेपर लीक और SI भर्ती रद्द करने का मुद्दा भी उठाया, जिसके चलते वे सदन के वेल में आ गए।

पहले 12 बजे फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित हुआ सदन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष से शांति बनाए रखने को कहा और ऑपरेशन सिंदूर पर प्रश्नकाल के बाद चर्चा का आश्वासन दिया, लेकिन विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। 2 बजे एक बार फिर सदन की कार्रवाई को शुरू करने की कोशिश हुई पर इस बार भी सत्र एक मिनट से ऊपर नहीं चल पाया और 2 बजे शुरू हुआ सत्र 2 बजकर एक मिनट पर 4 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

हालाँकि इस बीच राहुल गाँधी ने ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर सवाल उठाने की कोशिश की पर विपक्षी नेताओं की गूंज इतनी तेज थी कि उन्हीं के नेता प्रतिपक्ष की आवाज डाब गयी।

“लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा”

सत्र स्थगित होने के बाद राहुल गाँधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है, और संसद में तानाशाही का जोर है। रक्षा मंत्री को बोलने दिया जाता है, लेकिन विपक्ष के नेताओं को यहां तक कि मुझे, जो नेता प्रतिपक्ष हूं, बोलने नहीं दिया जाता।” वीडियो- राहुल गाँधी

सत्र स्थगित होने से पहले स्पीकर जगदम्बिका पाल ने कहा कि हम हर मुद्दे पर चर्चा करना चाहते है, पर संसद की गरिमा के साथ…

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक सब विपक्ष के हंगामें से नाराज दिखे,

राजनाथ सिंह ने कहा “सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। चाहे वह कितनी भी व्यापक चर्चा हो और कितने भी घंटे लगें। सदन के साथी रक्षा से संबंधित मुद्दों पर जितनी भी लंबी चर्चा चाहते हैं, हम तैयार हैं।”

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा “लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की ढाई बजे मीटिंग होगी। विपक्ष जिन मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, वहां लेकर आए। सरकार चर्चा के लिए तैयार है। सदन में हंगामा करना सही नहीं है। सदन शुरू होते ही इस तरह विपक्ष का हंगामा करना ठीक नहीं है। सरकार को अपनी बात रखने का मौका दीजिए।”

अंत में संसद की कार्रवाई चार बजे पुनः शुरू हुई, पर ज्यादा देर नहीं चल सकी। पीठासीन दिलीप सैकिया ने कहा कि गोवा के जनजातीय भाइयों के अधिकार का विषय है, ये एक महत्वपूर्ण बिल है। मई विपक्ष के सदस्यों से अपनी चेयर पर जाने की अपील करता हूँ। आपने सुबह से सदन नहीं चलने दिया है, सदन चलने दीजिए। कार्रवाई के दौरान विपक्ष का हंगामा लगातार जारी रहा, जिसके बाद पीठासीन दिलीप सैकिया ने सदन की कार्यवाही 22 जुलाई, मंगलवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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