पहला एयरपोर्ट और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से 1 लाख नौकरियां: मोदी-नायब की नायाब जोड़ी हरियाणा को दे रही नई ‘उड़ान’

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की डबल इंजन सरकार में हरियाणा विकास की राह में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में PM मोदी 14 अप्रैल को हिसार में बन रहे राज्य के पहले एयरपोर्ट का उद्धाटन करेंगे। 7200 एकड़ जमीन पर इस एयरपोर्ट को शंख के आकार में बनाया जा रहा है। इसके अलावा, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत होटल, ट्रांसपोर्ट और IT इंडस्ट्री बनाकर करीब 1 लाखों लोगों को रोजगार देने का भी प्रयास किया जा रहा है।

हिसार से उड़ान को मिलेंगे पंख:

दरअसल, हिसार में बन रहे एयरपोर्ट को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकल्प के तौर पर तैयार किया जा रहा है। सोमवार (14 अप्रैल, 2025) को PM मोदी हिसार से अयोध्या जाने वाली फ्लाइट को हरी झंडी दिखाकर इस एयरपोर्ट का उद्धाटन करेंगे। साथ ही इंटरनेशनल टर्मिनल की आधारशिला रखी जाएगी। इस एयरपोर्ट का निर्माण 3 चरणों में किया जा रहा है।

पहले चरण में 50 करोड़ रुपए की लागत से घरेलू टर्मिनल और 3 नए हैंगर का निर्माण किया गया। है। दूसरे चरण में 250 करोड़ रुपए की लागत से 4 हजार फीट के रनवे को बढ़ाकर 10 हजार फीट तक किया गया है। साथ ही एमआरओ हैंगर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर, स्टाफ आवास, फायर स्टेशन और मेंटेनेंस बिल्डिंग का निर्माण किया गया है। विमान सहायता सुविधाओं में ईंधन भरने की व्यवस्था, मरम्मत, ओवरहाल और ग्राउंड सपोर्ट की सुविधाएं विकसित की गई हैं। नाइट लैंडिंग के लिए कैट आई लाइट्स लगाई गई है और एयरपोर्ट की बॉउन्ड्री का निर्माण भी किया गया है।

वहीं, तीसरे चरण में कुल 3,700 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस दौरान 503 करोड़ रुपए की लागत से शंख के आकार का इंटरनेशनल टर्मिनल बनाया जाएगा। साथ ही एयरो सिटी, कार्गो और लॉजिस्टिक्स हब का भी विकास किया जाना है।

₹503 करोड़ की लागत में बनेगा इंटरनेशनल टर्मिनल

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पांडव और कौरवों के बीच महाभारत का युद्ध हुआ था। इसकी थीम के आधार पर शंख के आकार का इंटरनेशनल टर्मिनल बनाया जाना है। इस टर्मिनल का निर्माण 37970 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जाएगा। बड़ी बात यह है कि इसकी क्षमता 1000 पीक ऑवर यात्रियों को संभालने की होगी। साथ ही इसमें 3 एयरोब्रिज और 4 बैगेज क्लेम बेल्ट लगे होंगे। इस टर्मिनल को दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक-हिसार लाइन से अंडरग्राउंड स्टेशन के जरिए जोड़ने की भी योजना है।

टिकट की भारी डिमांड:

हिसार से अयोध्या की यात्रा के लिए टिकटों की भारी डिमांड है। यह उत्साह केवल हिसार तक सीमित नहीं है, बल्कि सिरसा, फतेहाबाद, जींद और यहां तक कि राजस्थान के लोग भी हिसार से अयोध्या जाने के लिए टिकट बुक कर रहे हैं। अगले तीन सप्ताह की उड़ानों के लिए टिकटों की जबरदस्त होड़ मची हुई है। 14 अप्रैल को दिल्ली जाने वाली फ्लाइट के सभी टिकट बिक चुके हैं।

अयोध्या का शुरुआती किराया 3200 रुपये और दिल्ली का 1300 रुपये है। इसके बाद किराया उपलब्ध सीटों के आधार पर बढ़ता है। अयोध्या और दिल्ली के लिए फ्लाइट्स सप्ताह में दो दिन सोमवार और शुक्रवार को उपलब्ध होंगी। अयोध्या की उड़ान सुबह 10:30 बजे और दिल्ली की उड़ान दोपहर 3:25 बजे हिसार से रवाना होगी, जो 40 मिनट में शाम 4:05 बजे दिल्ली पहुंचेगी।

समय और पैसा दोनों की बचत:

बता दें कि हिसार से अयोध्या जाने के लिए यदि टैक्सी का उपयोग किया जाए तो कम से कम 10 हजार रुपए का खर्च आता है। साथ ही 10 घंटे से अधिक का समय भी लगता है। वहीं, यदि ट्रेन से यात्रा की जाए तो समस्या यह है कि हिसार से कोई भी सीधी ट्रेन नहीं है। दिल्ली या फिर गाजियाबाद से ट्रेन बदलनी होती है।

वहीं यदि ट्रेन के किराए की बात करें तो 180 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक विभिन्न कोचों का किराया है। इस दौरान भी अधिक समय लगता है। यही हाल बस का भी है। बस दिल्ली से मिलती है और इसका किराया भी 1600 रुपए तक है। साथ ही समय 14-16 घंटे तक लग जाता है।

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से मिलेगा 1 लाख लोगों को रोजगार:

हरियाणा की नायब सैनी सरकार हिसार में एयरपोर्ट के पास ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने जा रही है। इसे इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) नाम दिया गया है। इसके लिए सरकार ने 2988 एकड़ जमीन चिह्नित की है। इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अमेरिका समेत कई अन्य देशों की बड़ी कंपनियां निवेश करेंगी, जिससे न सिर्फ औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। हरियाणा सरकार का दावा है कि इसके जरिए 1 लाख से ज्यादा नौकरियां विकसित होंगी।

इस कॉरीडोर का निर्माण नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NICDC) के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 4694.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री बढ़ेगी। यहां बनने वाले सामान को दूसरी जगहों पर पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए नजदीकी डीएफसी स्टेशनों का इस्तेमाल किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मास्टर प्लान को हरियाणा सरकार का कहना है कि इसमें कुल 1605 एकड़ भूमि में से 980.20 एकड़ और 61% भूमि उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए, 39.02 एकड़ और 2% वाणिज्यिक उपयोग के लिए, 48.60 एकड़ और 3% सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक के लिए, 34.90 एकड़ और 2% आवासीय के लिए, 28.50 एकड़ और 2% सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ और 15% हरित और जल निकाय के लिए और 231.26 एकड़ और 15% सड़कों और उपयोगिताओं के लिए उपयोग की जाएगी।

इतना ही नहीं, एयरोस्पेस और डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट्स के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 70 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है। इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के पास मेटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन और टेक्सटाइल, कृषि में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग पहले से ही स्थापित हैं। यह इसके लिए सकारात्मक बात है।

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