
Firozabad : जिलाधिकारी रमेश रंजन की प्रेरणा और मार्गदर्शन में गरीब, विधवा, दिव्यांग और घुमंतू नट जनजाति के लिए चलाई जा रही आवास योजना में सुस्ती पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई है। कुल 1207 आवासों के लक्ष्य में से अब तक सिर्फ 113 आवास ही स्वीकृत हो पाए हैं। खास तौर पर एका और जसराना ब्लॉक में एक भी आवास स्वीकृत न होने पर जिलाधिकारी ने दोनों ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेताया है कि अगर काम में सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
परियोजना निदेशक सुभाष चंद्र त्रिपाठी द्वारा ब्लॉक वार लगातार भ्रमण किए जाने के बावजूद योजना की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब शासन ने इन कमजोर वर्गों को छत मुहैया कराने की योजना बनाई है ताकि वे सुरक्षित वातावरण में अपने परिवार के साथ रह सकें और समाज में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा सकें।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित ब्लॉकों को निर्देश दिया है कि वे अपने लक्ष्य के सापेक्ष बचे हुए आवासों को स्वीकृत करने में तत्परता दिखाएं। उन्होंने कहा कि यह एक जनहित और जनोपयोगी कार्य है जो अधिकारियों को उनके दायित्वों का एहसास कराता है।इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब विधवाओं दिव्यांगों और घुमंतू नट जनजाति के लोगों को आवास उपलब्ध कराकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। इससे इन वर्गों के जीवन स्तर में सुधार होगा और वे एक सुरक्षित माहौल में अपना जीवन यापन कर सकेंगे।











