इस हफ्ते बॉलीवुड की दो फिल्में रिलीज हो रही हैं। एक है मर्डर मिस्ट्री पर आधारित अबीर खान की डेब्यू फिल्म ‘मिशन ग्रे हाउस’ और दूसरी है अमान देवगन और राशा थडानी की फिल्म ‘आजाद’।
‘मिशन ग्रे हाउस’ कहानी की शुरुआत होती है एक फ़्लैशबैक सीन से, जिसमें रात के अंधेरे में एक बंगले नुमा घर में रहने वाले एक ईमानदार पुलिस वाले की बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। हत्यारा काले रेन कोट में आता है और बड़ी सी टॉर्च को हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है। लाला सेठ (रज़ा मुराद) एक धनी व्यक्ति हैं और उसी बंगले नुमा घर (जिसको ग्रे हाउस का नाम दिया गया है) को खरीदने के लिए अपने ड्राइवर के साथ आते हैं। वह उसके मालिक विक्रांत राणा (किरण कुमार) से मिलते हैं, लेकिन वहां पर मिस्टीरिअस तरीके से लाला और उसके ड्राइवर की हत्या हो जाती है और हत्यारा गायब हो जाता है।
इस बात से विक्रांत राणा और उनकी पत्नी (निखत खान) बहुत टेंशन में हैं कि अब कोई हमारे बंगले को नहीं खरीदेगा। उनकी पत्नी को लगता है कि बंगला बिके ना बिके, लेकिन अगर इस घर में रहे तो उनकी हत्या जरूर हो जाएगी। इसी बात से डर कर विक्रांत राणा शहर के डीआईजी यशपाल सिंह (राजेश शर्मा) को कॉल करके हेल्प मांगते हैं। यशपाल सिंह की पुलिस अफसर बेटी कियारा (पूजा शर्मा) का दोस्त कबीर राठोड़ बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनने का सपना देख रहा है। कबीर के इस सपने की एक खास वजह है, जो आपको फिल्म देखकर पता चलेगा। कियारा अपने दोस्त कबीर को अपने डीआईजी पिता से मिलवाती है और उसके सपने के बारे में अपने पिता से डिस्कस करती है।
डीआईजी यशपाल सिंह कबीर के सामने शर्त रखते हैं कि अगर वह ग्रे हाउस में हो रही हत्याओं की मिस्ट्री सुलझा देगा तो वह कबीर को पुलिस की वर्दी दिला देंगे। कबीर इसके लिए तैयार हो जाता है और कियारा के साथ ग्रे हाउस के मिशन पर निकल पड़ता है, लेकिन उन दोनों के वहां पहुंचने के बावजूद ग्रे हाउस में हत्याओं का सिलसिला जारी रहता है। इन्हीं अप्रत्याशित घटनाओं के साथ फिल्म की कहानी भी रफ्तार पकड़ती है। ग्रे हाउस में मर्डर मिस्ट्री के अलावा और भी कई राज दबे हैं, जिनके खुलासों से कबीर स्तब्ध रह जाता है। क्या कबीर ग्रे हाउस के रहस्य से पर्दा उठा पाएगा ? क्या पुलिस ऑफिसर बनने का उसका सपना पूरा होगा? इन सवालों का जवाब तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा।
अभिनय:अबीर खान इस फिल्म से अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रहे हैं। कबीर राठोड़ के रोल में उनका सहज अभिनय प्रभावित करता है। किरण कुमार, राजेश शर्मा जैसे कद्दावर अभिनेताओं के साथ उनकी ऐक्टिंग भी निखरती हुई दिख रही है। फिल्म की कहानी कबीर राठोड़ के इर्द गिर्द घूमती है और अबीर खान अपने रोल को पूरी परिपक्वता से निभाने में कामयाब रहे हैं। डायलॉग डिलीवरी और ऐक्शन सीन्स में भी अबीर अपने हिस्से का योगदान करते हुए नजर आते है। निखत खान के किरदार का नाम है रेखा । रोल छोटा जरूर है लेकिन निखत ने अपने रोल को तन्मयता से निभाकर यादगार बना दिया है। राजेश शर्मा और किरण कुमार ने लंबे अनुभव का फायदा उठाते हुए अपनी एक्टिंग में सहजता बनाए रखा है। पूजा शर्मा, कियारा के किरदार में अच्छी दिख रही हैं। दृश्यम फ़ेम ऐक्टर कमलेश सावंत फिल्म में गायतोंडे नाम के एक जासूस के रोल में ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे हैं। उनके डायलॉग तो कम हैं लेकिन उनके एक्स्प्रेशन गजब के हैं।
लेखन और निर्देशनबॉलीवुडिया स्टाइल मर्डर मिस्ट्री पर आधारित इस फिल्म की कहानी लिखी है ज़ेबा के. ने, जिसको निर्देशक नौशाद सिद्दीकी ने परदे पर जीवंत है। फिल्म के इमोशनल दृश्यों और सस्पेंस सीन को फिल्माने में अच्छी मेहनत की गई है। एंगेजिंग कहानी को उतने ही एंगेजिंग तरीके से दर्शकों के सामने प्रस्तुत करना एक बड़ी चुनौती होती है जिसमें नौशाद सिद्दीकी कामयाब रहे हैं।
म्यूजिक:फिल्म के दोनों ही गाने अच्छे हैं लेकिन सुखविंदर सिंह का गाना लहू आवाज देता है फिल्म में कई बार ऐक्शन सीन्स के बैकग्राउंड में बजता है जो काफी रोमांचित करता है। दूसरा गाना ‘यारियाँ-यारियाँ’ को शान ने गाया है जो कबीर और कियारा की फ्रेंडशिप पर खूबसूरती से फिल्माया गया है। फिल्म में तेजी से बदलते परिदृश्य और अप्रत्याशित घटनाओं, हत्याओं और सस्पेंस के सीन्स में बैकग्राउंड म्यूजिक प्रभावित करता है।
क्यों देखें :मिशन ग्रे हाउस उन दर्शकों के लिए एक मस्ट वाच फिल्म हैं जिनको सस्पेंस और थ्रिलिंग स्टोरी पसंद है। इस फिल्म में कुछ इमोशनल सीन्स भी हैं जो यादगार बन गए हैं। डेब्यू एक्टर अबीर खान और पूजा शर्मा का अभिनय अच्छा है जो दर्शकों को पसंद आएगा। अगर आपको सस्पेंस, थ्रिल और एक्शन वाली फिल्म देखना चाहते हैं तो इस हफ्ते ‘मिशन ग्रे हाउस’ देख डालिए।
कलाकार : अबीर खान, पूजा शर्मा, निखत खान, राजेश शर्मा, किरण कुमार, कमलेश सावंत, रजा मुराद