
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन मंगलवार को प्रदेश में बिजली कटौती के मुद्दे को लेकर भाजपा विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा। भिंड से विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिजली अधिकारी प्रदीप जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। मैं इसके सबूत कई बार मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री को दे चुका हूं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग उठाई। वहीं, विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मामले की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराएंगे।
विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधायक कुशवाहा ने भिंड में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक प्रदीप जैन की लापरवाही से कटौती पर ध्यान आकर्षित किया। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि पर्याप्त बिजली दी जा रही है। इसके बाद विधायक कुशवाहा ने कहा कि मंत्री भ्रष्ट अधिकारी को बचा रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को सस्पेंड कर जांच कराई जानी चाहिए। इस पर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि विधायक ने जो सुझाव दिए हैं, उसके आधार पर जांच करेंगे। संबंधित अधिकारी को 31 मार्च के बाद हटा देंगे और वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराएंगे।
वहीं, विधायक तेज बहादुर सिंह चौहान ने कहा कि बिजली विभाग के अफसर हमेशा गांवों में ब्लैकआउट की स्थिति रखते हैं। सवाल पूछने पर गलत जानकारी देते हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी कहा कि सत्ता पक्ष का विधायक आवाज उठा रहा है, इसलिए इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। विपक्ष की बात तो सरकार सुनती नहीं है। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि विधायक की भावनाओं के आधार पर कार्रवाई होगी, किसी भी हालत में अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा।
लघु वनोपज संघ और नलकूप खनन में अनियमितता के आरोप
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान विधायक अनुभा मुंजारे ने लघु वनोपज संघ, उत्तर बालाघाट में सप्लाई और नलकूप खनन टेंडर के मामले में सरकार से जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि इस मामले में जो काम कराए गए हैं, वे किन अधिकारियों की मौजूदगी में हुए हैं? विधायक ने इस मामले में अनियमितता का आरोप लगाया। इसके जवाब में मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वित्तीय अनियमितता की जांच की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी अभिनव पल्लव के खिलाफ पूरी सख्ती से जांच की जाएगी।
वन विभाग ने 37 में से 10 काम किए, इनमें भी गुणवत्ता नहीं
प्रश्नकाल के दौरान विधायक उमा देवी खटीक ने कहा कि वन विभाग द्वारा सागोनी, हटा और दमोह में 37 काम कराए जाने थे, जिनमें से 10 ही हो पाए हैं। इसमें भी गुणवत्ता का पालन नहीं किया गया है। वे चाहती हैं कि उनकी मौजूदगी में अब तक हुए कामों का परीक्षण कराया जाए। इसके जवाब में वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि कुछ काम बजट नहीं मिल पाने के कारण अपूर्ण हैं। इन्हें जल्दी पूरा कराया जाएगा। विधायक उमा खटीक ने कहा कि वन्यजीवों के लिए जल की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस पर मंत्री अहिरवार ने कहा कि विधायक से बात कर लेंगे और जहां जरूरत होगी, वहां सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।