एनकाउंटर का खौफ़ : 2 लाख के इनामी सहित छह नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़, सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सक्रिय एक इनामी सहित छह नक्सलियों ने पुलिस एवं सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष साेमवार काे आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित सभी नक्सली कई नक्सल घटनाओं में शामिल थे। छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव के कारण नक्सली संगठन में सक्रिय छह नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

पुलिस के मुताबिक नक्सली कुंजाम मासा पिता स्व. लखमा (उत्तर बस्तर माड़ डिवीजन सीसीएम कोसा दादा का गार्ड, इनामी दाे लाख) निवासी सुरपनगुड़ा थाना जगरगुण्डा जिला सुकमा, कुंजाम जोगा पिता सोमड़ा (मोरपल्ली आरपीसी जनताना सरकार सदस्य) 27 वर्ष, निवासी मोरपल्ली जोन्नापारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा, बोड़के हुर्रा पिता स्व.पेंटा उर्फ मंगडू (मोरपल्ली आरपीसी मिलिशिया सदस्य) 34 वर्ष निवासी मोरपल्ली पटेलपारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा, मड़कम हिड़मा पिता नंदा (मोरपल्ली आरपीसी मिलिशिया सदस्य) 28 वर्ष निवासी मोरपल्ली बर्रेपारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा, वंजाम कोसा पिता हुंगा (मोरपल्ली आरपीसी मिलिशिया सदस्य) 24 वर्ष निवासी मोरपल्ली बर्रेपारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा, माड़वी जोगा पिता नंदा (मोरपल्ली आरपीसी मिलिशिया सदस्य) 30 वर्ष निवासी मोरपल्ली थाना चिंतलनार जिला सुकमा के द्वारा नक्सल संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में आत्मसमर्पण किया है।

इस माैके पर सीआरपीएफ 217 वाहिनी द्वितीय कमान अधिकारी श्नीर सिंह मीना, एवं प्रभारी नक्सल सेल सुकमा निरीक्षक रोशन सिंह राजपूत उपस्थित रहे। इनामी नक्सली कुंजाम मासा पिता स्व. लखमा को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में रेंज फील्ड टीम (आरएफटी. कोंटा) तथा शेष नक्सलियों को आत्मसमर्पित हेतु प्रोत्साहित कराने में नक्सल सेल आसूचना एवं विशेष सूचना शाखा जिला सुकमा के कार्मिकों की विशेष भूमिका थी।

उक्त सभी सदस्य प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त सर्चिंग पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक, बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरुद्ध करना, शासन -प्रशासन के विरुद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने एवं अन्य घटनाओं में शामिल रहे है। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधा प्रदान किए जाएंगे।

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