फतेहपुर : थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित, 8 पुलिसकर्मियों पर था युवक के अपहरण का आरोप

फतेहपुर। जब थानेदार और पुलिसकर्मी ही घटना के आरोपी हों तो भला न्याय आसानी से कहां मिलना संभव है।

बता दें कि जहानाबाद थाना क्षेत्र का एक ऐसा ही मामला बोतल में बंद जिन्न की तरह बाहर निकला है, जिसमें पूरा थाना ही सवालों के घेरे में है। कानपुर के घाटमपुर निवासी रामशरण द्विवेदी वर्ष 2017 से लापता हैं, पुलिस पर ही अपहरण का आरोप है। आठ साल गुजर जाने के बाद भी पुलिस सुराग नहीं लगा सकी।

हाईकोर्ट इलाहाबाद के आदेश पर मामले में लापरवाही बरतने पर एसपी ने जहानाबाद थाना प्रभारी सतपाल सिंह, क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर सतेंद्र राय और एसआई राजेंद्र गुप्ता को निलंबित कर दिया है। साथ ही तत्कालीन थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार को भी जिम्मेदार मानते हुए दंडित किया गया है।

हालांकि इस मामले में थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सहित 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपहरण की एफआईआर 2017 में ही दर्ज की गई थी।

कानपुर के बाबूपुरवा निवासी रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि उनका भाई रामशरण, पैतृक संपत्ति विवाद के चलते 2016 में भाई कौशल किशोर के बहकावे पर पुलिस कार्रवाई का शिकार हुआ। जेल से छूटने के बाद अप्रैल 2017 में जब वह जहानाबाद लौटा तो उसके कमरे पर पुलिस ने ताला जड़ दिया था। जिस पर उसने हाईकोर्ट का रास्ता चुना, हाईकोर्ट के आदेश पर ताला खुला, लेकिन सामान गायब मिला। इसके बाद रामशरण अपने पुश्तैनी गांव घाटमपुर के महोलिया रहने लगा।

रामनारायण का आरोप है कि 4 नवंबर 2017 को रामशरण वकील अजय सिंह के साथ फतेहपुर कचहरी जा रहा था। रास्ते में तत्कालीन थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, एसएसआई नरेंद्र प्रताप सिंह, एसआई सुशील यादव और पांच कांस्टेबलों ने उसे पकड़ लिया और अपने साथ ले गए। इसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं है।

परिजनों को आशंका है कि पुलिस ने साजिशन अपहरण कर हत्या कर दी होगी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर तीन पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई हुई है, अब अंदेशा जताया जा रहा है कि 2017 के बाद जितने थानाध्यक्ष जहानाबाद थाने में नियुक्त हुए हैं सभी पर कार्रवाई हो सकती है।

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