
- खदानों के अंदर से हो रही धड़ल्ले से ओवरलोडिंग
- खनन अधिकारी के संरक्षण में खदान संचालक बेख़ौफ़
- कोर्रा के अवैध खनन को दबाए बैठे अफ़सर
खागा,फतेहपुर । शासन-प्रशासन की सख्ती और एफआईआर के बावजूद जिले की मोरंग खदानों में अवैध खनन व ओवरलोड परिवहन थमने का नाम नहीं ले रहा है।
खागा तहसील व किशनपुर थाना क्षेत्र स्थित संगोलीपुर मडैय्यन मोरंग खदान में अराजकता की सारी हदें पार हो चुकी हैं। आरोप है कि अमरकंटक डेवलपर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नियमों की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट मिली हुई है।
ग्रामीणों के अनुसार खदान में एनजीटी मानकों को ताक पर रखकर प्रतिबंधित बड़ी बूम वाली मशीनों से जलधारा के बीच उतरकर दिन-रात मोरंग का खनन किया जा रहा है। खदान के भीतर ही 20-20 फीट गहरे जानलेवा गड्ढे बना दिए गए हैं, जिससे यमुना नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित किया जा रहा है। यही नहीं, खदान परिसर से ही मोरंग का ओवरलोड परिवहन धड़ल्ले से कराया जा रहा है।
आरोप यह भी है कि अपनी करतूतों को छिपाने के लिए सीसीटीवी कैमरों की दिशा तक बदली जा रही है। इससे पहले 23 दिसंबर को कोर्रा खदान का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें जलधारा में कूदकर प्रतिबंधित मशीनों से मोरंग निकालते देखा गया था, लेकिन कथित तौर पर दागी खनन अधिकारी देशराज के संरक्षण में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब संगोलीपुर खदान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालांकि दैनिक भास्कर वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
वहीं स्थानीय किसानों और ग्रामीणों का आरोप है कि खनन विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है। ओवरलोडिंग से सड़कों को नुकसान, पर्यावरण को खतरा और भू-गर्भ जल स्तर में गिरावट आ रही है, लेकिन जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
इस संबंध में एसडीएम अभिनीत कुमार ने पूरे प्रकरण की जांच करवाकर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस बाबत एडीएम अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि टीम गठित कर जांच कराई जाएगी।
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