
भास्कर ब्यूरो
- 10 अफसर-कर्मचारी नामजद, फर्जी खातों में भेजी गई मजदूरी
Fatehpur : असोथर विकासखंड की ग्राम पंचायत सरकंडी में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा मजदूरी भुगतान में बड़ा घोटाला पकड़ा गया है। जांच में 709 लाभार्थियों की मजदूरी राशि उनके खाते में जाने के बजाय दूसरों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई। करीब 55.46 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है।
मुख्य विकास अधिकारी के आदेश पर 11 अगस्त को डीआरडीए की टीम ने जांच की। रिपोर्ट में पाया गया कि 20 लाभार्थियों की मजदूरी 1.36 लाख रुपये फर्जी खातों में भेजी गई, जबकि कुल अनियमितता 55 लाख से अधिक की है। मास्टर रोल के जरिए अलग-अलग तिथियों पर रकम ट्रांसफर की गई और लाभार्थियों को भनक तक नहीं लगी। जांच में सामने आया कि ग्राम पंचायत और विकासखंड स्तर के अफसर-कर्मचारियों ने जानबूझकर अभिलेखों में हेरफेर कर लाभार्थियों की रकम हड़प ली। खंड विकास अधिकारी असोथर राहुल मिश्र ने तहरीर देकर बताया कि कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उच्चाधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की। तहरीर पर पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें तत्कालीन व वर्तमान अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। नामजद आरोपी इस प्रकार हैं—
नरेंद्र गुप्ता (अवर अभियंता, तत्कालीन सेक्टर अधिकारी)
अजय प्रताप सिंह (अवर अभियंता, वर्तमान सेक्टर अधिकारी)
धर्मकीर्ति (तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी)
जितेन्द्रनाथ (वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी)
सूर्यप्रकाश (लेखाकार)
विपिन श्रीवास्तव (अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, मनरेगा)
रामप्रकाश (कंप्यूटर ऑपरेटर, मनरेगा)
पूनम देवी (पंचायत सहायक)
प्रकाश सिंह (मनरेगा कर्मचारी)
शिवम कुमार (कंप्यूटर ऑपरेटर, NRLM)
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।