
फतेहपुर। जिले में अवैध खनन और परिवहन बदस्तूर जारी है। खदानों में सरकार के नियम और सड़कों पर ओवरलोड रोकने के लिए लगे कैमरे सब मज़ाक बनकर रह गए हैं। दिन भर अधिकारियों के दफ़्तर (तहसील) के सामने से सैकड़ों ओवरलोड वाहनों की लाइन लगी रहती है लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज़ खानापूर्ति होती है। खदान संचालकों को भी प्रशासनिक कार्रवाई का कोई खौफ नहीं है वह लगातार अवैध खनन में मशगूल हैं।
बता दें कि ललौली क्षेत्र की अढावल और कोर्रा खदानों में लंबे समय से जारी अवैध खनन पर प्रशासनिक कार्रवाई का कोई असर नहीं दिख रहा है। 53 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना ठोकने के बावजूद खनन माफिया बेखौफ होकर यमुना की धारा से पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से मोरंग निकाल रहे हैं। जलधारा में प्रतिबंधित मशीनें चलने से हजारों जलीय जीव जंतुओं की मौत हो रही है।
कोर्रा-2 और अढावल-10 खंड में एनजीटी के नियमों को रौंदकर दिन-रात बालू निकासी चल रही है। प्रतिबंधित मशीनें सीधे नदी की धारा में उतारी जा रही हैं, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मनोज पांडे और राजेश यादव के इशारे पर गुर्गे खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
इस मामले की खबर दैनिक भास्कर अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी जिस पर कार्रवाई भी हुई थी लेकिन दो दिन भी संचालक नहीं माने और अवैध तरीके से खनन करने लगे। वहीं इस मामले की युवा विकास समिति व ग्रामीणों ने भी कई बार डीएम रविंद्र सिंह से शिकायत की लेकिन प्रभावशाली संचालकों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इस बाबत एडीएम अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि अवैध खनन पर परिवहन के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है। पुनः टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।
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