फतेहपुर : भूजल वैज्ञानिक पवन ने वाटर ऑडिटर बन देश में जिले का नाम किया रोशन

  • जनपद के प्रथम व प्रदेश के तीसरे वाटर ऑडिटर बने पवन
  • शुभचिंतकों में खुशी की लहर, लोगों ने दी बधाई

फतेहपुर। भूजल वैज्ञानिक पवन सिंह पटेल ने राष्ट्रीय स्तर की सेंट्रल वाटर ऑडिटर परीक्षा में चयनित होकर देश में जिले का नाम रोशन किया है। उनकी इस सफलता की खबर से परिजनों, रिश्तेदारों व शुभचिंतकों में खुशी का लहर दौड़ गई। पिता जयसिंह पटेल, जो फतेहपुर कचहरी में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, उन्होंने पुत्र की इस सफलता पर एसयूवी कार गिफ्ट कर अपनी असीम खुशी का इजहार किया है। पवन सिंह पटेल जनपद के प्रथम व प्रदेश के तीसरे वाटर ऑडिटर बन कर जिले में अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित करने में कामयाब रहे।

बता दें कि भूजल वैज्ञानिक पवन सिंह पटेल फतेहपुर जनपद की बिन्दकी तहसील के चंदनपुर गाँव के निवासी हैं। पिता जय सिंह पटेल जिला न्यायालय में फौजदारी के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। पवन सिंह पटेल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव से व हाईस्कूल, इंटरमीडिएट मदर सुहाग इंटर कॉलेज फतेहपुर एवं मास्टर डिग्री भूगर्भ विज्ञान में जोधपुर विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसन्धान से प्रसिक्षण के पश्चात 2020 से सदस्य भूजल वैज्ञानिक के रूप में उत्तर प्रदेश भूजल विभाग में सेवाएं दे रहे है। साथ ही बुंदेलखंड की भूजल परिस्थिति में रिसर्च कर रहे हैं।

पिता जय सिंह ने बताया कि बचपन से ही पवन को वैज्ञानिक बनने का लक्ष्य था तकनीकी गतिविधियों में बहु अभिरुचि रही है। भूजल वैज्ञानिक पवन सिंह पटेल ने बताया कि मैंने भूगर्भ विज्ञान के साथ बीएससी व एमएससी की डिग्री हासिल किया। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय भूमि जल प्राधिकरण, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के राजीव गाँधी राष्ट्रीय भूमि जल प्राधिकरण एवं अनुसन्धान संस्थान रायपुर द्वारा आयोजित की जाने वाली वाटर ऑडिटर परीक्षा के पहले चरण में देश भर से कुल 25 भूजल वैज्ञानिक चयनित हुए थे। चयनित वैज्ञानिकों को देश भर के विभिन्न केन्द्रीय संस्थानों जैसे केन्द्रीय भूजल बोर्ड, केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि के वैज्ञानिकों ने एक माह तक राजीव गाँधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण एवं अनुसन्धान संस्थान रायपुर में प्रशिक्षण दिया गया। इसके पश्चात प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित कि गयी परीक्षा में मात्र 13 वैज्ञानिक ही फाईनल रूप से उत्तीर्ण हो पाये।

उत्तीर्ण वैज्ञानिकों को औद्योगिक प्रशिक्षण देने के पश्चात तीसरे राउंड कि साक्षात्कार एवं रिपोर्ट प्रेजेंटेशन के मार्क्स मिलाकर फाइनल रिजल्ट प्रकाशित किया गया। जिसमें मैं सफल होने में कामयाब रहा। उन्होंने बताया कि वाटर ऑडिटर के रूप में मेरी जिम्मेदारी देश के किसी भी औद्योगिक इकाई या भूजल दोहन करने वाली संस्था का वाटर ऑडिट करके केन्द्रीय भूमि जल प्राधिकरण या स्टेट भूजल प्राधिकरण को रिपोर्ट प्रस्तुत करना होता है।

रिपोर्ट के आधार पर अति भूजल दोहन करने वाली या भूजल दूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त करके दंडात्मक कार्यवाही की जाती है। जय सिंह पटेल के दो पुत्र व एक पुत्री है। सबसे बड़ी बहन ज्योत्सना सिंह पटेल सेंट्रल जीएसटी में टैक्स असिस्टेंट पद पर प्रयागराज में कार्यरत हैं। वही छोटा पुत्र आदर्श सिंह पटेल दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी का कोर्स कर रहा है। मां दयावती पटेल ग्रहणी है।

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