
भास्कर ब्यूरो
- माहपुर के तालाब पर हो गई थी प्लाटिंग, प्रशासन ने खाली कराया।
- भूमाफियाओं और राजस्वकर्मियों पर एफआईआर होना बाकी।
- सरकारी जमीनों की बिक्री में मामले में राजस्व प्रशासन गंभीर नहीं है।
- ज्वालागंज तालाब की बिक्री के मामले में आज तक भूमाफिया रजा पर कार्रवाई नहीं हुई।
- खुलेआम शहर के अंदर और चारों ओर अवैध प्लाटिंग चल रही।
- भाजपा जिलाध्यक्ष ने कई भूमाफियाओं की करतूतों की सीएम से शिकायत की।
फतेहपुर : राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से जनपद में दर्जनों तालाब, पशुचर और सरकारी जमीनें बिक गईं। जनपद के चिन्हित दर्जन भर भूमाफियाओं ने हजारों करोड़ की संपत्ति सरकारी जमीनें बेचकर अर्जित की लेकिन प्रशासनिक अफसरों और पुलिस ने कभी ठोस कार्रवाई नहीं की। जिसकी वजह से भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं वह आज भी सरकारी जमीनों को बेचकर करोड़ों की चपत लगा रहे हैं। ऐसी ही एक सरकारी जमीन को प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराया है।
बता दें कि यहां भूमाफियाओं ने सरकारी जमीन में प्लाटिंग काटकर कई वर्ष प्लॉट बेचे और सैकड़ों लोग इन अवैध प्लाटिंग में जमीन लेकर फंसते रहें हैं। मामला उजागर होने के बाद कभी पूर्व के राजस्व अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई। वर्तमान अधिकारी ये कहकर बचते रहे कि पुराने समय में कब्जा हुआ था। माहपुर में सरकारी जमीन की अवैध प्लाटिंग के मामले में भी राजस्वकर्मियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न ही दोषियों पर अभी तक एफआईआर हुई है।

फतेहपुर जनपद में राजस्वकर्मियों व विनियमित विभाग की मिलीभगत से अवैध प्लाटिंग का खेल दशकों से चल रहा है। अवैध प्लाटिंग कर भूमाफियाओं ने दर्जनों सरकारी जमीनों को भी निपटा दिया। शहर क्षेत्र की बात करें तो ज्वालागंज के 21 बीघा सरकारी तालाब को कागजों में खेल करके रज़ा गैंग ने प्लाटिंग करके बेच दिया जहां कई सैकड़ा प्लाटो की बिक्री हुई, वहां आज बस्ती खड़ी है। इसी तरह शादीपुर का तालाब बिक गया जहां मकान खड़े हैं। सैय्यद वाडा तालाब भी चारों ओर से समाप्त किया जा रहा है। मुराईंन टोला तालाब में भी प्लाटिंग चल रही है। शांतिनगर में युगराज सिंह के बगल का तालाब आधा बिक गया। राधानगर, मलाका, बेरूईहार, तेलियानी ब्लॉक के सामने, नौआ बाग, डाक बंगले के आगे, हाइवे में पशुचर की जमीनें बिक गई।
लखनऊ बाई पास में चौराहे से सटी लखनऊ रोड पर बेशकीमती दर्जनों बीघे सरकारी जमीन बिक गई। शहर के हाइवे से सटी माहपुर की बेशकीमती लगभग 13 बीघे बीघे जमीन बिक गई। इसमें लगभग एक सैकड़ा प्लाटो की बिक्री हो गई है। सुल्ताननगर में शत्रु संपत्ति की जमीन भी भूमाफियाओं ने बेच डाली। शहर में बेखौफ तरीके से महर्षि रोड पर दयाल बिहार सहित दर्जनों अवैध प्लाटिंग संचालित हैं। राधानगर, जयराम नगर, सीपीएस के बगल में, नौआ बाग, एआरटीओ ऑफिस के पीछे, पक्का तालाब भिटौरा रोड में, बिसौली, लखनऊ रोड में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर, रिलायंस के बगल में, जीटी रोड मे दर्जनों स्थानों पर, शांतिनगर, बेरूई हार सहित दर्जनों स्थानों में आज भी अवैध तरीके से प्लाटिंग संचालित है जहां राजस्वकर्मियों और विनियमित विभाग की मिलीभगत से खेल जारी है। ऐसी ही कई सरकारी जमीनों के अवैध कब्जे के मामलों को भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। मुख्यमंत्री से शिकायत होने के बाद आंख बंद किए बैठे राजस्व अधिकारी हरकत में आए जिन्होंने माहपुर में सरकारी जमीन में की गई अवैध प्लाटिंग को कब्जा मुक्त कराया।

हालांकि, इस जमीन पर लगभग एक सैकड़ा से अधिक प्लाट बेचे जा चुके हैं जिसमें एक मकान भी खड़ा है। प्रशासनिक टीम ने अभी तक न ही उन एक सैकड़ा लोगों को नोटिस भेजी है और न ही विक्रेता भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर कराई है। अभी तक सिर्फ एक एहसान अली का नाम बताया गया है जबकि बताते हैं कि इस जमीन की बिक्री के पीछे भी रजा गैंग के गुर्गे रहे हैं। लखनऊ रोड पर कई जगह इन गुर्गों की प्लाटिंग आज भी चल रही है जिन पर आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते अवैध प्लाटिंग संचालकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसी तरह ज्वालागंज तालाब को भूमिधरी बनाकर बेचने वाले रजा गैंग पर भी ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
राजस्व अधिकारी इस मामले को लंबे समय से दबाए बैठे हैं जबकि इस जमीन को कई वर्ष पूर्व दोबारा तालाब दर्ज कर दिया गया था और लगभग 70 लोगो को नोटिस भी एसडीएम कोर्ट से भेजी गई थी मगर प्रशासनिक लापरवाही से आज भी वह मामला जस का तस पड़ा है। ख़ास बात यह है कि आज तक किसी भी सरकारी जमीन की बिक्री के मामले में किसी भी राजस्व कर्मी या राजस्व अधिकारी की कोई भी जिम्मेदारी नहीं तय की गई है।
इस बाबत सदर एसडीएम प्रदीप रमन ने कहा कि माहपुर सरकारी जमीन की बिक्री मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी साथ ही तत्कालीन दोषी कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अभी जमीन को दो तीन दिन खाली कराया जाएगा। किन लोगों ने बेचा है और कितनी रजिस्ट्री हुई हैं इस पर काम चल रहा है।