
फतेहपुर। बीजेपी नेताओं व हिंदूवादी संगठनों द्वारा पूर्व से आवाहन व हाई एलर्ट के बाद भी जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और न ही मामले का कोई हल निकालने का सार्थक प्रयास किया, जिसका नतीजा यह रहा कि जनपद का अमन चैन दांव पर लग गया।
बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र के आबूनगर रेडइया मोहल्ले में सोमवार को मकबरा और मंदिर विवाद को लेकर जमकर बवाल हुआ। हिंदूवादी संगठनों ने विवादित मकबरे को ठाकुरजी का मंदिर बताते हुए पूजा-पाठ किया और भगवा झंडा फहरा दिया। वहीं भगवा झंडा देख मुस्लिम पक्ष के लोगों ने आक्रोशित होकर पथराव शुरू कर दिया, जिससे कई लोगों को चोट आई।
इस दौरान परिसर में बनी मजारों को भी तोड़ा गया। मौके पर भारी पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और दोनों पक्षों को पीछे हटाया। बैरिकेडिंग लगाकर मौके पर कई थानों की पुलिस, पीएसी तैनात की गई है।
भाजपा नेताओं पर मुकदमा, पथराव पर चुप्पी
चौकी इंचार्ज आबूनगर विनीत उपाध्याय ने वादी बनकर भाजपा जिला महामंत्री पुष्पराज पटेल, युवा मोर्चा महामंत्री प्रसून तिवारी सहित 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ जबरन घुसने, तोड़फोड़, शांति भंग, सरकारी कार्य में बाधा और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य लोगों की पहचान की बात कही जा रही है। वहीं, मुस्लिम पक्ष से हुई पत्थरबाजी के मामले में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है जबकि पत्थरबाजी के भी कई वीडियो वायरल हुए हैं। बताते हैं कि पुलिस को मुस्लिम पक्ष के कई लोगों से लोहे के इंगल व धारदार हथियार भी मिले थे जिनको सिपाहियों ने छीनकर कब्जे में ले लिया था।
जोन के वरिष्ठ अफसरों ने लिया जायजा
घटनास्थल पर प्रयागराज जोन के कमिश्नर विजय विश्वास पंत, एडीजी डॉ संजीव गुप्ता और आईजी अजय कुमार मिश्रा पहुंचे। पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने बताया कि भीड़ को समझाकर पीछे किया गया। स्थिति फिलहाल सामान्य है, लेकिन एहतियातन फोर्स तैनात है। उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
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