
दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । अमौली सरकार द्वारा चलाई गई महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत जल बर्बादी से बचाए जाने के लिए चलाए जाने वाले जागरूकता मिशन को सरकार के जिम्मेदार ही पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला अमौली गांव का प्रकाश में आया है जहां जिम्मेदारों ने बगैर किसी प्रकार के प्रशिक्षण के ग्रामीणों को मनमाने ढंग से प्रशिक्षण प्रमाण पत्र बांट दिया। बता दें कि जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत पंचायत प्रतिनिधि, सरकारी, गैर सरकारी पीआरआई का दो दिवसीय प्रशिक्षण होना था जिसमे लोगो को जागरूक करना था। जल जीवन मिशन में ग्राम पंचायत की भूमिका के तहत पेयजल व स्वच्छता के प्रबंधन का विषय पंचायती राज संस्थाओ को सौंपा गया था जिसके तहत प्रशिक्षण करते समय जानकारी दी जाती है कि बर्तन धोते समय नल तभी खोले जब पानी की जरूरत हो।
वाशिंग मशीन में रोज रोज कपड़े धोते समय अत्यधिक पानी का उपयोग न करे। प्रतिदिन नहाते समय शावर के बजाय बाल्टी एवं मग का उपयोग करे। गाड़ी धोते समय पाइप का उपयोग न करके मग का इस्तेमाल करे। जहाँ कही भी नल या पाइप लीक करे तो उसे तुरन्त ठीक करवाये। बर्तन धोते समय नल को लगातार खोले रखने के बजाये बाल्टी में पानी भर कर बर्तन धुले। प्रशिक्षण के इन बिन्दुओ पर जब पाये हुए प्रमाण कर्ताओं से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि हम लोगो का कोई भी प्रशिक्षण नही करवाया गया।
अमौली ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने अपने घर के सभी ग्राम पंचायत सदस्यों को बुलाकर प्रमाण पत्र दे दिया है। इसके आलावा इसके बारे में हम लोगो को कोई ज्यादा जानकारी नही है। इस बाबत खण्ड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बिना प्रशिक्षण के अगर प्रमाण पत्र अगर दिया गया है तो जांच करवाई जाएगी।