फतेहपुर: भाजपा जिलाध्यक्ष ने खोल दी भाजपा के कई दिग्गजों की पोल!

  • पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व जिलाध्यक्ष पर लगाए कई गंभीर आरोप
  • भूमाफियाओं और बालू माफियाओं के खिलाफ पत्र लिखना पड़ गया भारी : मुखलाल
  • भाजपा जिलाध्यक्ष के उग्र तेवर आये सामने, कहा माफियाओं के खिलाफ लिखता रहूंगा

भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर। माफियाओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ना फतेहपुर के भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल को भारी पड़ गया है। उनके अनुसार उन्होंने भूमाफियाओं, बालू माफियाओं के खिलाफ कई पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे थे जिनमें जांच हुई तो कई गैंगस्टर रजा मोहम्मद, रफी अहमद सहित बड़े माफियाओं व उनके पार्टनर रहे फतेहपुर के कुछ भाजपा नेताओं की भी गर्दन फंस गई। जिसके बाद उनके खिलाफ साजिश शुरू हो गई और एक ऑडियो वायरल कराया गया।

शुक्रवार को मुखलाल पाल ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता बुलाकर कई लोगों की बखिया उधेड़ दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह 1988 से भाजपा के कार्यकर्ता रहे हैं। वह भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष, जिला महामंत्री और योगी सरकार में कई पदों पर रह चुके हैं। जिलाध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों के खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। जिसके बाद जांच शुरू हुई, जिलाधिकारी ने जांच में मामलो को सही पाया तो कागजों में वह जमीनें वापस सरकारी खातों में चढ़ा दी लेकिन कुछ नेताओं के दबाव के कारण जमीन खाली नहीं कराई जा सकी, न ही ऐसी जगहों पर बुलडोजर चलाया जा सका। कहा कि जिलाधिकारी मुख्यमंत्री को गलत रिपोर्ट देते हैं कि सरकारी जमीनें खाली हो गईं, जबकि जमीनें सिर्फ कागजों में परिवर्तित की गई हैं, खाली नहीं कराई गई। उन्होंने बताया कि खंभापुर, हाजीपुर छीटा में सरकारी जमीनों पर कब्जाकर प्लाटिंग कर दिया गया था जहां हजारों लोगों को प्लाट बेचे गए हैं जिनमें माफियाओं के साथ पार्टी के ही कुछ लोग शामिल थे।

भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति, अन्नू श्रीवास्तव व पूर्व जिला अध्यक्ष आशीष मिश्रा पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायकों रणवेंद्र प्रताप सिंह और विक्रम सिंह को इन्हीं लोगों ने हरवाया था, नगर पालिका प्रत्याशी रहे प्रमोद द्विवेदी और अखिलेश बाजपेई को भी इन्होंने ही हरवाया था। बताया कि उनकी एक जांच चल रही है जिसमें क्या हुआ उन्हें नहीं पता मगर एक अखबार में कार्रवाई छप रही है जबकि ऐसी कोई आधिकारिक जानकारी उन्हें नहीं मिली और न ही कोई पत्र जारी हुआ है।

मुखलाल पाल ने कहा कि उस ऑडियो की फॉरेंसिक जांच हो, केवल किसी के इशारे पर साजिश के तहत काम न हो। उन्होंने कहा कि अगर वह अध्यक्ष पद से हट भी जायेंगे तब भी निवर्तमान रहेंगे। वह तब भी माफियाओं के खिलाफ पत्र लिखते रहेंगे।

कहां से आई पूर्व जिलाध्यक्ष के पास 200 करोड़ की संपत्ति

जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा ने अपने कार्यकाल में 200 करोड़ की संपत्ति बना ली है, जबकि वह जब अध्यक्ष नहीं थे तो 5 -5 हजार रुपए में आरओ बेचा करते थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर काम करना उनको भारी पड़ गया है। उन्होंने जबसे पशुचर, ग्राम समाज की जमीन, तालाबो से अवैध कब्जों को हटवाने का काम शुरू किया, तबसे इन लोगों ने मेरे खिलाफ साजिश रची और 50 लाख रुपए लेने का आरोप लगवाया।

जिलाध्यक्ष ने पूर्व सांसद पर लगाया अवैध संपत्ति बनाने व वसूली का आरोप

भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सांसद बनने से पहले साध्वी के पास 3 बीघे जमीन थी, आज 300 बीघे जमीन आश्रम में कहां से आ गई। कहा कि उनके द्वारा मोरंग घाटों से वसूली करवाई जाती थी। घाट वालों के पास रजिस्टर में नाम तक लिखा है। उनकी कक्षा 8 की मार्कशीट फर्जी है। उनकी संपत्ति और उनके मार्कशीट की भी जांच हो। उन्होंने जांच टीम में शामिल प्रदेश के एक बड़े नेता पर भी आरोप लगाया कि जिस अजीत गुप्ता ने मेरे ऊपर 50 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया है, वह दोनों व्यक्ति सगे रिश्तेदार हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई यह साबित कर दे कि मुखलाल पाल ने किसी भी घाट से एक ट्राली मोरंग लिया है तो वह आत्महत्या कर लेंगे।

जिलाध्यक्ष पर लगा था 50 लाख लेने का आरोप

बता दें कि लगभग एक माह पूर्व बांदा जिले के अजीत गुप्ता ने मुखलाल पाल पर पद दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच के लिए प्रदेश नेतृत्व ने तीन सदस्यीय टीम बनाई थी। ऐसी चर्चा है कि समिति ने जांच में जिलाध्यक्ष को दोषी पाया है। हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। फिर भी जिलाध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस करके कई बड़े खुलासे किए हैं।

आरोपों पर क्या कहते हैं भाजपा के जिम्मेदार

निवर्तमान जिलाध्यक्ष भाजपा आशीष मिश्रा, “मुखलाल पाल मेरे बड़े भाई जैसे हैं व पार्टी के अगुवा हैं उन्होंने मेरा नाम क्यों और किसके कहने पर लिया। मैं समझ नहीं पा रहा हूं, यह सुनकर आश्चर्य चकित भी हूं और दुखी भी हूं कि उनके जैसे जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा मेरा नाम क्यों घसीटा गया, जिलाध्यक्षी के चुनाव के पहले किस षडयंत्र के तहत, किसके कहने पर उन्होंने ये किया। अगर कोई बात थी तो उन्हें पार्टी फोरम में कहना चाहिए। मैं उनका आज भी बहुत सम्मान करता हूं।”

पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, “मुझे अभी तक अध्यक्ष ने क्या आरोप लगाए हैं उसकी जानकारी नहीं है। बिना जानकारी के कुछ भी कहना ठीक नहीं।”

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