फतेहपुर : मुठभेड़ की वाहवाही में चली गई 11 गौवंशों की जान!

दैनिक भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । 11 गौवंशो की मौत का राज नकारे सिस्टम की भेंट चढ़ रहा है। अफसर जांच की बात करते रहे मगर कार्रवाई के नाम पर मामला सिफ़र रहा। घटना के छह दिन बीत गए, जांच की बात कहने वाले अफसर मामले पर लीपापोती करने में जुटे हैं। कार्रवाई के बजाय पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदारों का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप जारी रहा। बता दें कि रविवार को दिन में लगभग 11 बजे थरियांव पुलिस व एसओजी ने गौतस्करों से मुठभेड़ होने का दावा किया था जिसमे एक कन्टेनर में 28 गौवंश बरामद हुए थे। पुलिस की स्क्रिप्ट में दिन में 11 बजे गौतस्कर कन्टेनर लेकर जा रहे थे पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो वह थरियांव के एकारी रोड़ में जंगल की तरफ भाग गए जहां पुलिस पर फायर करने लगे।

छह दिन बाद भी मौतों का रहस्य बरकरार, नहीं हुई कार्रवाई

पुलिस का दावा है उन्होंने मुठभेड़ के दौरान कंटेनर बरामद किया और जवाबी कार्रवाई में एक तस्कर को गोली भी लगी। जिसके बाद पुलिस ने गौवंशो को गौशाला भिजवा दिया। पुलिस के जिम्मेदारों का कहना है कि दो बजे के करीब गौवंश गौशाला भिजवा दिए गए। अयाह के प्रधान ने गांव की गौशाला में गौवंश नहीं उतरवाए। दो तीन घण्टे पुलिस से खींचतान भी हुई। आरोप था कि प्रधान व गौशाला के जिम्मेदारों की गलती से गौवंश देर से उतर पाए जिससे 11 की दम घुटने से मौत हो गई। बताते हैं कि अंत मे नन्दी, शाह गौशाला में उतारे गए जबकि गौवंश बनरसी गांव की गौशाला में उतारे गए। जहां कंटेनर में 11 गोवंश मृत अवस्था मे मिले। पशु चिकित्सको का कहना था कि गौवंश कई घण्टे तक कन्टेनर में निर्ममता से कैद रहे।कंटेनर में दम घुटने से उनकी मौत हुई है।

अब सवाल उठता है कि जब पुलिस का दावा है कि कन्टेनर को 11 बजे पकड़ लिया था तो पुलिस ने उसे कुछ समय बाद खाली क्यों नहीं करा दिया। कुछ गोवंश थरियांव में भी उतारे जा सकते थे लेकिन मुठभेड़ के गुडवर्क में अपनी कॉलर ऊंची करने के लिए थरियांव पुलिस व एसओजी ने इस बात का ध्यान नहीं दिया नतीजा यह रहा कि 11 गौवंशो की मौत हो गई। हो सकता है कि थरियांव में पुलिस कुछ गोवंश उतार देती तो कई गौवंशो की जान बच सकती थी। हालांकि विश्वस्त सूत्र यह भी बताते हैं कि थरियांव पुलिस व एसओजी ने नए पुलिस अधीक्षक की निगाह में आने के लिए फर्जी मुठभेड़ की कहानी रची थी।

बताते हैं कि कंटेनर को तस्करो सहित एसओजी ने भोर पहर शहर से थरियांव की तरफ जाते ही पकड़ लिया था मगर फर्जी वाहवाही लूटने के लिए मुठभेड़ की स्क्रिप्ट रची गई और घटना को लगभग पांच छह घण्टे बाद लगभग 11 बजे की दिखाया गया। इस बाबत सीडीओ सूरज पटेल ने कहा कि बैठककर सभी को सख्ती से निर्देशित किया गया है कि ऐसे मामलों में गंभीरता दिखाएं और समय का ध्यान दें। देरी कहां हुई इसकी जांच कराई जा रही है।

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