
फतेहाबाद : हाल के दिनों में जिले सहित पूरे प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें साइबर अपराधी फास्टैग रिचार्ज, एक्टिवेशन या अपडेट के नाम पर लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में फतेहाबाद पुलिस ने फास्टैग साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए मंगलवार को व्यापक एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने दोहराया है कि ऐसे अपराधों से बचने का सबसे बड़ा हथियार जनता की जागरूकता और सतर्कता ही है।
साइबर अपराधी अक्सर फोन कॉल, एसएमएस या व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से संपर्क करते हैं। वे खुद को बैंक अधिकारी, फास्टैग कंपनी प्रतिनिधि या एनएचएआई का कर्मचारी बताकर फर्जी लिंक भेजते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति उस लिंक पर क्लिक करता है या किसी संदिग्ध एप को डाउनलोड करता है या उसके मोबाइल में मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है। इसके बाद आरोपित पीड़ित का रिमोट एक्सेस हासिल कर लेते हैं और चंद मिनटों में बैंक खाते से रकम ट्रांसफर कर लेते हैं। कई बार अपराधी यह दबाव बनाते हैं कि फास्टैग बंद हो जाएगा या तुरंत अपडेट जरूरी है, जिससे लोग घबराकर जल्दबाजी में लिंक पर क्लिक कर बैठते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।
पुलिस अधीक्षक सिद्धांत जैन ने कहा कि साइबर अपराधी हर दिन नए-नए तरीके ईजाद करते हैं, लेकिन वे उन्हीं लोगों को शिकार बनाते हैं जो लापरवाह रहते हैं। यदि जनता थोड़ी सी सावधानी बरते तो इस प्रकार की ठगी से आसानी से बचा जा सकता है। उन्हें फतेहाबाद पुलिस नागरिकों की सुरक्षा और विश्वास बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पुलिस की जनता से अपील है कि इस एडवाइजरी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं, ताकि हर नागरिक जागरूक बने और साइबर अपराधियों की चालें नाकाम हों।
फतेहाबाद पुलिस की अपील- फास्टैग से जुड़ी किसी भी सेवा के लिए केवल एनएचएआई की आधिकारिक वेबसाइट या अधिकृत बैंक/पेट्रोल पंप से ही कार्य करें।
– किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें और न ही अज्ञात एप्स इंस्टॉल करें।
– बैंक डिटेल, ओटीपी, यूपीआई पिन, पासवर्ड जैसी जानकारी किसी भी व्यक्ति के साथ साझा न करें।
– संदिग्ध कॉल या मैसेज आने पर उसे नजरअंदाज करें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।
– यदि साइबर ठगी हो जाए तो बिना देरी किए 1930 साइबर हेल्पलाइन पर कॉल करें या पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। समय पर दी गई शिकायत से गुम हुई राशि वापस मिलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।