फारूक अब्दुल्ला ने कहा: “पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से क्या लोग सोचते हैं कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा?

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने से आतंकवाद समाप्त नहीं होगा। उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि यदि राज्य का दर्जा बहाल हो भी जाता है, तो भी आतंकवाद का खात्मा नहीं हो पाएगा, और यह जमीनी हकीकत को बदलने में कोई बदलाव नहीं करेगा।

केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा: “पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से क्या लोग सोचते हैं कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा? हम सबको जानना होगा कि जो लोग दावा करते थे कि आतंकवाद खत्म हो गया है, उनसे यह सवाल करना चाहिए कि आज भी आतंकवाद मौजूद है या नहीं?”

फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में हुए एक आईईडी विस्फोट का उदाहरण देते हुए सवाल उठाया कि विस्फोटक सामग्री कहां से आई, यह निस्संदेह आतंकवादियों के द्वारा लायी गई थी। उन्होंने इस बारे में सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय समुदाय से सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए सामान्य स्थिति का बहाल होना बहुत जरूरी है।

अहम सवाल – बेरोजगारी और सरकारी सेवाओं की हालत: फारूक अब्दुल्ला ने बेरोजगारी और सरकारी सेवाओं की खराब स्थिति की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि “हमारे बच्चे बेरोजगार हैं, हमारे स्कूलों और अस्पतालों की हालत गंभीर है। हमें इन मुद्दों को प्राथमिकता से हल करना होगा।”

अमित शाह का बयान – आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर: वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा करते हुए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

हाल की घटना – आईईडी विस्फोट में शहीद जवान: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में हुए एक आईईडी विस्फोट में दो सैनिक शहीद हो गए और एक जवान घायल हुआ। यह घटना नियंत्रण रेखा के पास हुई और सेना ने व्यापक तलाशी अभियान चलाकर इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी है। इस विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकवादियों पर डाली जा रही है।

राजनीतिक स्थिति – आप और कांग्रेस का गठबंधन: फारूक अब्दुल्ला ने दिल्ली विधानसभा चुनावों पर भी टिप्पणी की और सुझाव दिया कि अगर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन होता तो चुनाव परिणाम अलग हो सकते थे।

फारूक अब्दुल्ला का यह बयान जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति को लेकर एक अहम चर्चा को जन्म देता है, जिससे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीति में नए विवादों का जन्म हो सकता है।

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