
सितारगंज। कच्चें आढ़तियों के धान नहीं ख़रीदने से नाराज किसानों ने शुक्रवार को नई मंडी समिति के गेट की तालाबंदी कर धरने पर बैठे थे। 24 घंटे बाद आरएफसी लता मिश्रा के सभी किसानों की धन तौल कराने के आश्वासन पर शनिवार को किसानों ने धरना समाप्त कर दिया। इसके बाद आरएफसी लता मिश्रा और किसानों ने मंडी समिति का गेट खोल दिया।
कच्चें आढ़तियों के धान नहीं खरीदने से नाराज किसानों ने मंडी समिति में करीब 200 धान की ट्राली खड़ी कर मंडी में आवाजाही बाधित कर दी थी। इसके बाद उन्होंने मंडी समिति के गेट की तालाबंदी कर धरने पर बैठ गए। इस दौरान नाराज किसानों ने जमकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
वहीं, तहसीलदार हिमांशु जोशी, मंडी सचिव विनोद पलड़िया, सीएमओ विनय चौधरी और एसएसआई विक्रम धामी ने किसानों को मनाने की काफी कोशिश की लेकिन वह नहीं माने और धान तुलवाने की जिद पर अड़े रहें। वहीं, किसानों ने तोल ना किए जाने पर चौराहें पर धान पलटने की धमकी भी दी। बाद में आईएफसी लता मिश्रा से फोन पर हुई वार्ता के बाद किसानों ने धान पलटने का फैसला स्थगित कर दिया। इसके बाद किसान मंडी समिति में ही रात भर धरने पर बैठे रहे।
शनिवार को किसानों, अधिकारियों और कच्चें आढ़तियों के बीच वार्ता का दौर शुरू हुआ। किसानों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी शर्तों को रखा। दिन भर चली वार्ता के बाद किसानों ने आईएफसी लता मिश्रा के आश्वासन पर धरना समाप्त कर दिया। इसके बाद किसानों ने आरएफसी लता मिश्रा के साथ मंडी समिति का गेट खोल दिया।
किसान नेता नवतेज पाल सिंह ने बताया कि वह कच्चें आढ़तियों के खिलाफ धरने पर बैठे थे। वह मनमाने तरीके से किसानों के फसलों पर कटौती कर रहे थे। वह नमी, फपला के अलावा भी करीब सात किलो अलग से काट रहें थे। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के समक्ष सभी बातों को रखा है। आरएफसी लता मिश्रा ने उन्हें नमी और फपला के अलावा कोई अन्य कटौती को न किए जाने का आश्वासन दिया है। साथ ही, उन्होंने बताया कि सभी कच्चे आढ़तियों के 35 कांटे मंडी समिति में ही लगाए जाएंगे। जहां किसानों का धान तौला जाएगा। इसके अलावा मंडी में खड़ी सभी की तोल कराई जाएगी। वहां गुरसेवक सिंह, सरदार गुरसाहब सिंह, अर्शदीप सिंह, अनिरुद्ध राय, सलीम, कर्मा लाहोरिया, शेर सिंह मल्ली, छिंदा सिंह, अमरजीत, गुरनाम, दीप सिंह, शरीफ सहित अन्य किसान उपस्थित रहें।










