भूना में किसानों ने कृषि विपणन नीति की प्रतियां फूंकी: कहा यह किसान विरोधी नीति है

केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई कृषि विपणन नीति के खिलाफ किसानों ने साेमवार काे भूना में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रदर्शन किया। किसानों ने केन्द्र व प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए तहसील कार्यालय के बाहर कृषि विपणन नीति की प्रतियां फूंकी और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। इसके अलावा किसानों ने केन्द्र सरकार से खनौरी बार्डर पर 49 दिनों से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से बातचीत कर उनका अनशन तुरंत खत्म करवाने की भी मांग की। प्रदर्शन में अखिल भारतीय किसान सभा से रामस्वरूप ढाणी गोपाल पूर्व जिला पार्षद और भारतीय किसान यूनियन घासीराम नैन से सतबीर सिंह डूल्ट ने विशेष तौर पर भाग लिया। प्रदर्शन की अध्यक्षता किसान सभा के भूना तहसील प्रधान मुंशीराम ने की। किसानों को संबोधित करते हुए रामस्वरूप ढाणी गोपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति का मसौदा राज्य सरकार को भेजा गया है। आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशभर में किसानों द्वारा इसके विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई यह नीति न केवल किसान विरोधी है बल्कि किसानों से उनकी जमीनें छीनने का भी फरमान है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की खेती को तहस-नहस कर इसे पूरी तरह पंूजीपतियों के हवाले करना चाहती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एक बार फिर किसानों के लंबे आंदोलन के बाद 2021 में निरस्त किए गए तीन काले कृषि कानूनों के प्रावधानों को वापस लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से अपने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। किसान नेता ने कहा कि आज जहां देश के किसानों को बचाने की जरूरत है लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को अनशन कर उन्हें मरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। एक बुुजुर्ग किसान 50 दिनों से एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर अनशन पर बैठा है लेकिन मोदी सरकार किसान से बातचीत करने को तैयार नहीं है। उन्होंने मांग की कि केन्द्र सरकार डल्लेवाल से बातचीत कर उनका अनशन खत्म करवाए। किसानों को एमएसपी की गारंटी दी जाए। उन्हें कर्जामुक्त किया जाए और अन्य समस्याओं का भी बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए। इस अवसर पर किसान नेता सोमनाथ, हंसराज, भोजराज, बलबीर गोरखपुर, मन्नु गोरखपुर सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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