गन्ना वापसी से नाराज़ किसान : बोले – मनमानी बंद करे मिल, वरना होगा आंदोलन

गोला गोकर्णनाथ,(लखीमपुर): राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष अंजनी कुमार दीक्षित ने बजाज चीनी मिल गोला गोकर्णनाथ द्वारा किसानों का गन्ना वापस किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए चीनी मिल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की ट्राली या बैलगाड़ी को वापस करना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि मिल प्रबंधन ने अपनी मनमानी नहीं रोकी तो किसान आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।अंजनी दीक्षित ने कहा कि प्रत्येक वर्ष गन्ना विकास समिति और चीनी मिल सर्वे कराकर किसानों के खेतों में उपलब्ध गन्ना प्रजाति के आधार पर सट्टे जारी करती है और उसी के अनुसार पर्चियां दी जाती हैं। ऐसे में गन्ना लौटाने का प्रश्न ही नहीं उठता। यदि किसी किसान के पास अस्वीकृत प्रजाति है तो उसकी तौल अस्वीकृत श्रेणी में की जानी चाहिए, न कि गन्ना वापस करने की कार्रवाई। उन्होंने कहा कि एक ट्राली गन्ना सप्लाई में किसान को करीब 8,000 रुपये तक का खर्च आता है, कई किसान तो कर्ज लेकर किसी तरह मिल तक गन्ना पहुंचाते हैं। ऐसे समय में गेहूं व सरसों की बुवाई के लिए खेत खाली करने की मजबूरी में किसान पहले से ही परेशान हैं। ऐसे में मिल द्वारा गन्ना लौटाना किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।


अंजनी दीक्षित ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसान पौधा गन्ना लाते हैं तो मिल उन्हें नोटिस देकर स्पष्ट सूचना जारी करे, प्रचार-प्रसार करे। लेकिन ट्राली या बैलगाड़ी वापस करना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि यही स्थिति रही तो आने वाले समय में किसान गन्ना देना बंद कर देंगे और जनवरी में मिल के यार्ड में धूल उड़ती नजर आएगी।


जिला अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मिल प्रबंधन को किसानों को बेचे गए गन्ने का भुगतान समय से सुनिश्चित करना चाहिए। यदि किसानों का शोषण हुआ तो इसका खामियाजा मिल प्रबंधन और गन्ना विकास विभाग को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि शासन को पूरे मामले की शिकायत ट्विटर के माध्यम से भेजी गई है। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन बड़ा आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह गन्ना विभाग और चीनी मिल प्रबंधन की होगी।

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