
ग्रेटर नोएडा। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। चिपियाना खुर्द में एक उपभोक्ता का बिजली बिल तकनीकी खराबी के कारण 222 करोड़ रुपये आ गया, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। यह बिल एक किसान विपिन यादव का था, जो अपने व्यावसायिक कनेक्शन का सात महीने का बकाया बिल देख सदमे में आ गए।
किसान को आया 222 करोड़ रुपये का बिल
विपिन यादव ने बताया कि उनके पास 1000 वर्ग मीटर का प्लॉट है, जहां उन्होंने 25 किलोवाट का व्यावसायिक चार्जिंग कनेक्शन लिया है। वे हर महीने नियमित रूप से बिल का भुगतान करते हैं। लेकिन जब उन्होंने हाल ही में अपना बिजली बिल चेक किया, तो उनके सामने आश्चर्यजनक रूप से 222 करोड़ रुपये का बकाया दिखाया गया।
बिल देखने के बाद, विपिन तुरंत विद्युत निगम के कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें उनकी शिकायत की अनदेखी कर दी गई। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने बिल डाउनलोड करने का प्रयास किया, तो मई माह का बिल ही डाउनलोड हो रहा था।
तकनीकी खराबी से बिल में हुई गड़बड़ी
इस पूरे मामले में, निगम के अधिकारी भी हैरान हैं। अधिशाषी अभियंता शिवम त्रिपाठी ने स्पष्ट किया, “यह बिल सिस्टम में आई तकनीकी खराबी के कारण जनरेट हुआ है। ऐसी स्थिति में बिल उपभोक्ता तक कभी नहीं पहुंचता और सिस्टम में ही अटक जाता है।”
उन्होंने आश्वासन दिया कि “सिस्टम में हुई इस खामी को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है, और उपभोक्ता को सही और वास्तविक बिल ही उपलब्ध कराया जाएगा।”
विपिन यादव का कहना है कि उन्हें इस बिल को लेकर बहुत चिंता हुई है और वे नाराज हैं। उन्होंने कहा, “मैं हर महीने अपने बिल का भुगतान करता हूं, लेकिन इस तरह का बिल देखकर मैं दंग रह गया हूं। यह पूरी तरह से तकनीकी खराबी है, जिसका जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए।”
वहीं, स्थानीय लोग भी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए आशंका जता रहे हैं कि ऐसी तकनीकी खामियों से उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
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