शाहजहांपुर के मिर्जापुर थाना क्षेत्र में पुरानी रंजिश को लेकर खेत की रखवाली करने गये किसान को गोली मार दी। गोली लगाने से किसान घायल हो गया करीब छः घंटे बाद घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल से तीन सौ पन्द्रह बोर की गोली बरामद कर,खून के सैंपल लिए। ग्रामीणों के मुताबिक दो दिन पहले हुए झगड़े में अगर पुलिस संज्ञान ले लेती तो घटना घटित नहीं होती।
क्षेत्र के गांव सिंगहा यूसुफपुर निबासी सुरेश व रामकुमार के बीच एक अगस्त को खेत की मेड़ को लेकर झगड़ा हो गया था जिसमें एक पक्ष से रामकुमार के पुत्र जयचंद्र के हाथ में काफी चोट आयी थी तथा दूसरे पक्ष से सुरेश को भी चोटें आईं थीं।
पुलिस ने जयचंद्र के द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर सुरेश, शैलेन्द्र तथा अमरपाल आदि के खिलाफ मारपीट तथा एससी-एसटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत कर दिया। इधर सुरेश के भाई सुनील कुमार ने बताया कि हमारे भाई सुरेश ने भी मारपीट करने व गाली गलौज का थाने पर प्रार्थना पत्र दिया मगर पुलिस ने जिसपर कोई कार्रवाई नहीं की और न ही भाई का डाक्टरी परीक्षण कराया।
सुनील कुमार ने थाने पर दिये प्रार्थना पत्र में कहा है कि उसका भाई सुरेश शुक्रवार की रात को घर से धान की फसल की रखवाली करने के लिए गया था जो गांव की साप्ताहिक बाजार में रखे एक खोखे के पास बैठा था तभी शनिबार की सुबह तड़के लगभग तीन बजे गांव के ही रामकुमार व इनके पुत्र बड़े उर्फ बडकन्नू ने सुरेश को घेर लिया और गाली गलौज करते हुए
सुरेश के ऊपर जान से मारने की नियत से तमंचे से फायर कर दिया जो उसके भाई सुरेश के दाहिने पैर की जांघ में लगा जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को सीएचसी से जिला मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। उधर घटना के ठीक छः घंटे बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। पुलिस की सूचना पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल से एक तीन सौ पन्द्रह बोर की गोली बरामद करने के साथ ही खून के भी सैंपल लिए है।
काश पुलिस सुरेश के द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र पर भी अमल करती तो आज यह घटना घटित नहीं होती। इधर प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि सुरेश के द्वारा थाने पर किसी प्रकार का कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया था।