
हरियाणा : फरीदाबाद की लोक अदालत ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, सेक्टर 19 और फरीदाबाद मॉडल स्कूल, सेक्टर 31 के प्रबंधकों को फटकार लगाते हुए आदेश दिया है कि वे राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत पात्र छात्रों को दाखिला दें और उनके पेरेंट्स को 10-10 हजार रुपये मुआवजा दें।
इस आदेश से पेरेंट्स में खुशी की लहर है और इसे न्याय की जीत के रूप में देखा जा रहा है। अदालत का यह फैसला उन स्कूलों के खिलाफ आया है, जिन्होंने RTE के तहत बच्चों को दाखिला देने से मना किया था।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि पीड़ित छात्रों की ओर से अदालत में दिल्ली पब्लिक स्कूल, फरीदाबाद मॉडल स्कूल, सेंट पीटर स्कूल और मॉडर्न विद्या निकेतन स्कूल के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था। याचिका में बताया गया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने इन स्कूलों को लिस्ट भेजकर पात्र बच्चों को दाखिला देने का निर्देश दिया था, लेकिन स्कूल ने पालन नहीं किया।
पेरेंट्स ने पहले डीईओ और डीसी ऑफिस में शिकायत की, लेकिन न्याय नहीं मिला। इसके बाद मंच की ओर से वरिष्ठ लीगल एडवाइजर एडवोकेट बीएस विरदी ने केस दायर किया। 15, 17, 29 सितंबर और 6-8 अक्टूबर की सुनवाई के बाद 13 अक्टूबर को अदालत ने छात्रों के पक्ष में फैसला दिया।
सेंट पीटर और मॉडर्न विद्या निकेतन स्कूल के मामले में फैसला अभी आना बाकी है। मंच ने सभी पेरेंट्स से अपील की है कि वे जागरूक रहें और स्कूलों की मनमानी का विरोध करें।