
भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिजनों ने गर्व और संतोष जाहिर किया है।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “जिस दिन हादसा हुआ, उसी दिन मैंने कहा था कि मुझे भारत सरकार और सेना पर पूरा भरोसा है। आज सरकार ने अपना वादा निभाया है। हमारे बेटे तो वापस नहीं आ सकते, लेकिन यह जवाब ऐसा है जो दुश्मनों को हमेशा याद रहेगा। 9 आतंकी ठिकानों पर जो प्रहार हुआ है, वह उनके दिल-दिमाग में गूंजता रहेगा और भविष्य में ऐसी कायराना हरकत करने की सोच भी नहीं पाएंगे।”
शहीद की मां आशा नरवाल ने कहा, “हमारा पूरा परिवार मोदी जी के साथ है। आज उन्होंने उन सभी शहीदों के बलिदान का बदला लिया है। मैं देश के सशस्त्र बलों को सलाम करती हूं और चाहती हूं कि वे ऐसे ही आगे बढ़ते रहें।”
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के ससुर सुनील स्वामी ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम काफी समय से इस पल का इंतजार कर रहे थे। मेरी बेटी हिमांशी बार-बार पूछती थी कि कब बदला लिया जाएगा। आज हमें संतोष है कि सरकार ने सटीक और साहसिक कदम उठाया है। यह सिर्फ एक जवाब नहीं, बल्कि संदेश है कि अब कोई भी हमारी बेटियों के ‘सिंदूर’ पर हाथ डालने की कोशिश नहीं कर सकेगा। यह सिर्फ शुरुआत है, हमें निर्णायक और अंतिम कार्रवाई चाहिए ताकि आतंकवाद का नामो-निशान मिट जाए।”
इस पूरे ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद सहित 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के कम से कम 30 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। सेना ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया, जिससे आम नागरिकों को नुकसान न हो।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर पूरे देश में गर्व और गर्जना का माहौल है — यह सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि नए भारत की नीति का ऐलान है।