
श्रावस्ती। जिले के परिषदीय विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले पांच और शिक्षकों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। इन सभी शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में इनके डीएलएड और टीईटी के अंकपत्र फर्जी पाए गए हैं। इनकी नियुक्तियां 2013 और 2017 में की गई थीं।
पुलिस ने जानकारी दी कि इन शिक्षकों के खिलाफ अलग-अलग थानों की पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार किया। गुरुवार को जिलाधिकारी (डीएम) अजय कुमार द्विवेदी और एसपी घनश्याम चौरसिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए इन गिरफ्तारियों की जानकारी दी और कहा कि इन सभी पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की भर्ती को लेकर जांच जिलास्तरीय समिति द्वारा की जा रही है। इस समिति की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि कानपुर देहात के भोगनीपुर क्षेत्र के ईश्वरचंद नगर निवासी और सिरसिया के प्राथमिक विद्यालय बल्दीडीह में तैनात सहायक शिक्षक आलोक कुमार, कानपुर नगर के घाटमपुर के इस्माइलपुर निवासी और प्राथमिक विद्यालय केशवपुर में तैनात प्रदीप कुमार, कानपुर देहात के भोगनीपुर के भोगीसागर निवासी और प्राथमिक विद्यालय कोयलहवा में तैनात सहायक शिक्षक जीतेंद्र सिंह और कानपुर देहात के परेहरापुर गांव निवासी और जमुनहा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भवानीपुरवा में तैनात सहायक शिक्षक सुशील कुमार का डीएलएड का अंकपत्र फर्जी पाया गया है।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि इन शिक्षकों की नियुक्तियां वर्ष 2013 और 2017 में की गई थीं, और इनके द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों में भारी गड़बड़ी थी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जांच में फर्जी दस्तावेजों का खुलासा होते ही इन शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई।
इसके अलावा, एक अन्य सहायक शिक्षक की तलाश जारी है, जो अभी भी फरार है। पुलिस और विभागीय अधिकारी उसके जल्द से जल्द पकड़ने के लिए प्रयासरत हैं।
इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि सरकारी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्ती की जरूरत है, ताकि इस तरह के मामलों को भविष्य में रोका जा सके।