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भास्कर ब्यूरो
- पूरनपुर से फर्जी आईलेट्स संचालकों की मदद से विदेश भागा था NIA का वॉन्टेड
- आतंकियों के कनेक्शन की हो रही जांच
- एसपी बोले- कोविड -19 के दौरान पूरनपुर में आतंकी को ठहराने के मिले साक्ष्य
- फर्जी आईलेट्स संचालकों बड़ी कार्रवाई, एसपी के शिविर में पहुंचे सैकड़ों लोग, फर्जी वीजा का मार्केट कस्बा
- एक ही दिन में पहुंचे 500 से अधिक शिकायती पत्र
पीलीभीत : पूरनपुर में आईलेट्स संचालकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का बिगुल बज गया है, जिसका नेतृत्व पुलिस कप्तान खुद कर रहे हैं। करोड़ों की सम्पत्ति जमा कर रहे आईलेट्स संचालकों पर गाज गिरना तय है, शिविर में पहले ही पांच सौ से अधिक शिकायत आई है, अब तक पुलिस कई मुकदमें दर्ज कर चुकी है और आरोपियों को जेल भेजने की कार्रवाई अमल में लाई जा रही हैं।
पुलिस को विदेश भेजने के नाम पर लोगों से लगातार ठगी की शिकायते मिल रही थी। जिसको लेकर पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने कार्रवाई करते हुए विदेश भेजने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, अब विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने का गोरखधंधा करने वालो पर पुलिस का शिकंजा कस रहा है। पूर्व में पुलिस ने 23 दिसंबर 2024 को पूरनपुर के हरदोई ब्रांच नहर की पटरी पर तीन खालिस्तानी आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। जांच में पता चला था कि कुलवीर सिंह सिद्धू नाम के एक आरोपी ने आतंकियों को पीलीभीत आने का रूट मैप दिया था। फर्जी पासपोर्ट बनने तक उसे पूरनपुर में ही रोका गया।
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जांच में यह भी सामने आया कि कुलबीर सिंह सिद्धू पीलीभीत कोविड – 19 के समय करीब 8 महीने अलग-अलग इलाकों में रहा। इस दौरान उसने कई लोगों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भी भेजा। अमेरिका से लोगों के वापस इंडिया डिपोर्ट किए जाने के मामले के बाद पुलिस की जांच और तेज हो गई। पुलिस उन लोगों तक पहुंच गई जो लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी का शिकार बनाते थे और फर्जी दस्तावेज तैयार कर वीजा के लिए अप्लाई करते थे। पुलिस की रडार पर लगभग 60 आईलेट्स सेंटर आए हैं जो लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे।
पूरे मामले की गहन जांच के लिए पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने पूरनपुर थाने पर सोमवार को विशेष कैंप लगाया। जिसमें पीड़ित लोगों को बुलाया गया था। इसके साथ ही लोगों को मामले में विधिक राय देने की मुहिम भी पुलिस ने शुरू किया। ठगी के शिकार 500 से अधिक लोग सामने आए हैं। पुलिस अधीक्षक की मुहिम का असर देखने को मिला। पूरे मामले में सैकड़ों लोगों ने खुद को ठगी का शिकार होना बताया और फर्जी दस्तावेज के जरिए विदेश भेज कर जीवन की जमापूंजी बर्बाद कर दी। कई गंभीर मामलों में रिपोर्ट दर्ज की है, जबकि सैकड़ों मामलों की जांच के लिए पुलिस रात दिन काम कर रही है।
पूरनपुर थाने पहुंचे पीड़ित संतोष सिंह ने बताया कि उनके बेटे जुगराज सिंह को इंग्लैंड में स्टडी वीजा पर भेजने के लिए जुपिटर इमीग्रेशन के संचालक ने करीब 4.50 लाख रुपए लिए। जुपिटर इमीग्रेशन के संचालक ने कूटरचित तरीके से वीजा आवेदन में फर्जी विद्यालय की मार्कशीट बनाकर अपलोड की, जो पीड़ित के पास सुरक्षित है। पीड़ित की माने तो उनके बेटे को ना तो विदेश भेजा गया और ना ही उनका पैसा वापस मिला। करीब 2 साल बीत चुके हैं। पीड़ित संतोष सिंह को जब पुलिस अधीक्षक के विशेष कैम्प लगने की सूचना पर न्याय की गुहार लगाने के लिए पूरनपुर कोतवाली पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।
चंडीगढ़ के रहने वाले बख्शीश सिंह भी पूरनपुर थाने पहुंचे। उन्होंने एसपी से बताया कि अमरीक सिंह ने अपने आधा दर्जन साथियों के साथ मिलकर उनके बेटे नवजोत सिंह और पुत्र वधू सुखजिंदर सिंह को ऑस्ट्रेलिया भेजने और वहां एक मकान व गाड़ी दिलाने के नाम पर एक करोड़ 80 लाख रुपए धोखाधड़ी कर ठग लिया। पीड़ित ने एक मुकदमा भी पुलिस को शिकायत देकर दर्ज कराया, लेकिन आरोपी विदेश भाग गए।
गुरप्रीत सिंह नाम का एक पीड़ित भी 22 लाख रुपए की ठगी के मामले में शिकायत करने के लिए कैंप में पहुंचा। पीड़ित ने बताया कि एजेंट सुखदेव सिंह ने अपने साथियों के साथ उसे विदेश भेजने के लिए मनाया और पासपोर्ट के नाम पर 10 हजार रुपए नगद लिए। इसके बाद कनाडा का वीजा दिलवाने के लिए 15 लाख रुपए मांगे। जब पीड़ित ने पैसे ना होने की बात कही तो आरोपी सुखदेव सिंह ने उसकी 1 एकड़ जमीन अपने बहन के नाम लिखवा ली और उसे कनाडा के वीजा पर भेज दिया गया। लेकिन कही तो आरोपी सुखदेव सिंह ने उसकी 1 एकड़ जमीन अपने बहन के नाम लिखवा ली और उसे कनाडा के वीजा पर भेज दिया गया। लेकिन कनाडा के एयरपोर्ट से ही उसे वापस कर दिया गया। पीड़ित की माने तो आरोपियों ने उसके नाम से दो पासपोर्ट जारी करवाए और धोखाधड़ी की। आरोपी अब पैसा मांगने
पूरनपुर क्षेत्र में 60 से अधिक ऐसे आईलेट्स सेंटर हैं जो लोगों को विदेश भेजने का सपना दिखाते थे। जिसके लिए लोगों की जमीन भी बिकवा दी जाती थी। कम पढ़े लिखे लोगों को यह लोग अपना शिकार बनाते है। उनसे मोटी रकम लेकर उनके लिए फर्जी मार्कशीट और फर्जी बैंक एफडी तैयार करते थे। ताकि वीजा के लिए आवेदन किया जा सके। ऐसे में पीलीभीत पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और फर्जी एफडी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए अब तक 12 लोगों को जेल भेज दिया है।