फर्जी दूतावास घोटाला: हर्षवर्धन पर इंटरपोल का शिकंजा, रेड कॉर्नर नोटिस जारी…अब खुलेंगे राज़

जांच एजेंसियां आरोपी जैन को रिमांड पर लेकर करेंगी पूछताछ

गाजियाबाद । फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्षवर्धन जैन के खिलाफ यूपी एसटीएफ ने इंटरपोल से संपर्क कर रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया है। खुद को राजदूत कहने वाले हर्षवर्धन से जुड़े रसूखदारों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एसटीएफ और पुलिस की जांच में कुछ नए खुलासे हुए हैं। कई देशों में शेल कंपनियां खोलकर करोड़ों के लेनदेन के मामले में जैन के 18 खातों की जांच की जा रही है। इसकी पूरी रिपोर्ट इनकम टैक्स और ईडी को भी भेजी गई है।

मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शहर के कई रसूखदारों ने भी आरोपी के जरिए मोटी रकम इधर से उधर की है। ऐसे में वे भी कानून के शिकंजे में फंस सकते हैं। वहीं जांच एजेंसियां अब आरोपी को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए सोमवार को कोर्ट में अर्जी लगाई जाएगी। रिमांड पर पूछताछ के बाद कड़ियों को जोड़ा जाएगा। हर्षवर्धन जैन के यहां काम करने वाले कुछ लोगों के साथ ही करीबियों को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी है, ताकि उनसे भी सुराग मिल सके।

बता दें कविनगर में रहने वाले हर्षवर्धन जैन पर आरोप है कि वह खुद को कई देशों का राजदूत बताकर लोगों को विदेश में काम दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। इसके चलते एसटीएफ से शिकायत की गई। फिर उसके घर पर छापेमारी की गई। उसके पास से विदेश मंत्रालय की कई मोहर व दस्तावेज मिले थे। घर में कई देशों की करंसी, विदेश मंत्रालय की मोहर, 20 जोड़े डिप्लोमैटिक कार की नंबर प्लेट, 12 फर्जी पासपोर्ट, हर्षवर्धन नाम के दो पैन कार्ड, कई देश व कंपनियों की 34 मोहरें, 12 कंपनियों की महंगी घड़ी, लैपटॉप, मोबाइल और आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड व दो प्रेस कार्ड समेत अन्य पेपर बरामद हुए।

बता दें हर्षवर्धन जैन ने लंदन से एमबीए किया है। वहां रहते हुए वह तांत्रिक चंद्रास्वामी के संपर्क में आए। चंद्रस्वामी ने जैन की मुलाकात आर्म्स डीलर अदनान खरगोशी और एहसान अली सैयद से कराई। एहसान के साथ मिलकर हर्षवर्धन ने कई शेल कंपनियां खड़ी कीं। इनमें करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन करने का आरोप है। अब एसटीएफ और पुलिस कड़ियां जोड़ने में लगी हैं। सबसे पहले उसके साथ काम करने वाले कुछ कर्मचारी और करीबियों को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी है।

सूत्र के मुताबिक अब तक की जांच में दुबई और अमेरिका समेत कई देशों में शेल कंपनियां खोलकर करोड़ों के ट्रांजैक्शन के सबूत जांच एजेंसियों को मिले हैं। इसकी कड़ियां जोड़कर उन्हें साक्ष्य के साथ कोर्ट में पेश किया जाएगा, ताकि जैन को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सके। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में कई चौकाने वाली जानकारियां मिली हैं। सूत्रों ने बताया कि इस पूरे खेल में जैन के अलावा शहर के कई नामचीन लोग भी शामिल हैं।

एसटीएफ की जांच से लग रहा है कि जैन कविनगर की कोठी से पिछले कई साल से अपना सिंडिकेट चला रहा था। उसके घर के बाहर लग्जरी गाड़ियां खड़ी रहती थीं। इन गाड़ियों पर डिप्लोमैटिक नंबर थे। आस-पास में शहर के तमाम बड़े लोगों की कोठियां हैं। इसके बाद भी स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग की नजर इस पर नहीं पड़ी। ऐसे में खुफिया विभाग की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। इसके पीछे कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।

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