सीहोर में फर्जी अटेंडेंस कांड : 32 बॉन्ड डॉक्टरों पर बड़ी कार्रवाई…जांच में खुला फर्जीवाड़ा

सीहोर : सीहोर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही कई चुनौतियों से घिरी हुई थी, लेकिन हाल ही में उजागर हुए फर्जी अटेंडेंस कांड ने आम लोगों के भरोसे को झकझोर कर रख दिया है। सार्थक एप में अपनी पहले से सेव फोटो अपलोड कर बॉन्ड चिकित्सकों द्वारा बिना ड्यूटी पर आए उपस्थिति दर्ज करना न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भारी रोष और अविश्वास का वातावरण भी पैदा कर रहा है। राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में जब यह मामला सामने आया, तो अधिकारी भी यह देखकर दंग रह गए कि जिन डॉक्टरों पर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी थी, वही सिस्टम को धोखा दे रहे थे।

जिला समीक्षा में 32 डॉक्टर पकड़े गए, ‘सिस्टम से खिलवाड़’ की खुली पोल

राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में साफ हुआ कि सीहोर जिले के 32 बॉन्ड चिकित्सक सार्थक एप में पहले से सेव की गई फोटो अपलोड कर फर्जी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। यह गड़बड़ी सिर्फ दो-चार डॉक्टरों तक सीमित नहीं रही। श्यामपुर के 24, इछावर के 4 और बुधनी ब्लॉक के 4 डॉक्टर इस पूरे खेल में शामिल पाए गए।

बुधनी ब्लॉक: पूरे महीने की हाजिरी शून्य, वेतन रोकने की कार्रवाई

रिपोर्ट सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल सख्ती दिखाई। बुधनी ब्लॉक के बॉन्ड चिकित्सकों की पूरे महीने की उपस्थिति शून्य मानकर उनका वेतन रोक दिया गया। लंबे समय से ग्रामीणों की शिकायत थी कि डॉक्टर अस्पतालों में नजर नहीं आते, जबकि ऑनलाइन उपस्थिति हमेशा नियमित दिखती है। जांच में फर्जी अटेंडेंस सामने आते ही विभाग ने वेतन रोकने सहित कई कार्रवाई शुरू कर दी।

नोटिस जारी, तीन दिन में जवाब तलब, करियर पर खतरा मंडराया

सीएमएचओ डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने सभी 32 बॉन्ड चिकित्सकों को नोटिस जारी कर तीन दिनों में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। विभाग का कहना है कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि सरकारी प्रणाली के साथ विश्वासघात है। ग्रामीण सेवा चिकित्सकों का ऐसा व्यवहार पूरे कार्यक्रम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है। यदि डॉक्टरों का जवाब संतोषजनक नहीं रहा, तो सेवा अवधि बढ़ाने से लेकर कानूनी कार्रवाई तक की संभावना है।

ग्रामीणों का दर्द: “डॉक्टर आते नहीं, लेकिन हाजिरी पूरी”

घटना सामने आने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा भी उभरकर सामने आया है। बुधनी, इछावर और श्यामपुर के कई मरीजों ने बताया कि अस्पताल के चक्कर काटने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिलते थे। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को घंटों इंतजार करने के बाद वापस लौटना पड़ता था। फर्जी अटेंडेंस कांड ने जिले की पहले से कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था में और भी खामियां उजागर कर दी हैं।

सिस्टम में सुधार की तैयारी: लाइव लोकेशन और सेल्फ़ी वेरिफिकेशन पर विचार

इस पूरे मामले के बाद विभाग अब सार्थक एप में तकनीकी सुरक्षा बढ़ाने और लाइव लोकेशन व सेल्फ़ी वेरिफिकेशन जैसे फीचर जोड़ने पर विचार कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी दोबारा न हो। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में पहले ही डॉक्टरों की कमी और संसाधनों की दिक्कतें हैं, ऐसे में यह घटना सिस्टम में बड़े सुधार की जरूरत को दर्शाती है।

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