जयपुर की फाइज़ा ने जिनेवा में ह्यूमन राइट्स कौंसिल से किया ख़िताब: भारत में मानव अधिकार और जेंडर समानता पर दिया ज़ोर

  • यूसीसी पर भी रखी बात

कैसरगंज/बहराइच l मुस्लिम महिला डॉ फाइज़ा रिफत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जिनेवा में आयोजित 58वें ह्यूमन राइट्स काउंसिल को संबोधित करते हुए भारत के मानव अधिकारों और जेंडर समानता के मुद्दों पर जोर दिया। अपने संबोधन में उन्होंने न केवल इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर भारत की प्रगति और चुनौतियों को रेखांकित किया, बल्कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (ucc) के संदर्भ में भी अपनी बात रखी।

फाइज़ा ने भारत में मानव अधिकारों की स्थिति को लेकर एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने सरकार के प्रयासों की सराहना की, साथ ही उन क्षेत्रों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जहां अभी और सुधार की आवश्यकता है। जेंडर समानता पर बोलते हुए उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण और लैंगिक भेदभाव को खत्म करने के लिए नीतिगत सुधारों की वकालत की।

यूसीसी पर उनकी टिप्पणी में एक समान नागरिक संहिता लागू करने की संभावनाओं और इससे जुड़े सामाजिक-संस्कृतिक प्रभावों पर विचार-मंथन देखने को मिला। यह संबोधन अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज को मजबूत करने का एक प्रयास था, जिसमें जयपुर की इस प्रतिनिधि ने स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर तक के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाया। उनका यह कदम न केवल जयपुर, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय रहा।

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