
कानपुर : साकेत दरबार के वफादार सरकारी कर्मचारियों और खाकी वर्दी वालों को सफेदपोश माफियाओं से गठजोड़ के आरोप में एसआईटी के सामने हाजिर होना है। फिलहाल, तीन क्षेत्राधिकारियों के साथ-साथ मुखबिर पीआरओ इंस्पेक्टर और विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष के मौजूदा निजी सचिव तथा पूर्व सचिव को तलब करने के लिए नोटिस भेजा गया है। एसआईटी ने दरबारियों को आरोपों के बिंदुओं के साथ भेजे गए नोटिस में अगले सप्ताह हाजिर होने का हुक्म दिया है। एसआईटी ने फिलहाल चुनिंदा दरबारियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद यह कार्रवाई की है। जल्द ही दरबार से जुड़े कलेक्ट्रेट, तहसील और नगर निगम कर्मचारियों को भी नोटिस भेजने की तैयारी है।
ऋषिकांत शुक्ला समेत तीन क्षेत्राधिकारी तलब
एडीसीपी राजेश पांडेय के मुताबिक, एसआईटी ने अखिलेश दुबे सिंडिकेट से मिलीभगत के पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद मैनपुरी में तैनात क्षेत्राधिकारी ऋषिकांत शुक्ला, हरदोई में तैनात क्षेत्राधिकारी संतोष सिंह और लखनऊ कमिश्नरेट में सरोजनीनगर एसीपी विकास पांडेय को नोटिस भेजा है।
साकेत दरबार से जुड़े विभीषणों पर भरोसा करें तो अखिलेश दुबे के दरबार में खाकी वर्दी वाले शिष्यों की मंडली जुटाने में ऋषिकांत शुक्ला अग्रणी भूमिका में थे। चर्चा है कि साकेत दरबार के एक बागी सदस्य के साथ मिलकर ऋषिकांत ने बिठूर सहित शहर के कई हिस्सों में बेशकीमती विवादित जमीनें औने-पौने दामों में हथियाई हैं। इस संदर्भ में पुलिस कमिश्नर और एसआईटी तक शिकायती पत्र भी पहुंचा है।
बताया जाता है कि क्षेत्राधिकारी ने अपने रिश्तेदारों और मित्रों के नाम पर विवादित जमीनें खरीदी थीं। इसी प्रकार हरदोई में तैनात क्षेत्राधिकारी संतोष सिंह और लखनऊ में तैनात एसीपी विकास पांडेय ने कानपुर में तैनाती के दौरान विभाग से ज्यादा वफादारी साकेत दरबार के साथ निभाई थी।
मुखबिर आशीष द्विवेदी पर गिरेगी गाज
एसआईटी ने कभी पुलिस कमिश्नरेट के डॉयल 112 में तैनात इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को भी नोटिस भेजा है। तैनाती के दौरान आशीष द्विवेदी दीनू उपाध्याय और अखिलेश दुबे सिंडिकेट के लिए मुखबिरी करता था। वह पुलिस अफसरों की गुप्त सूचनाएं सिंडिकेट तक पहुंचाता था और फरियाद लगाने आए रईस चेहरों को बहला-फुसलाकर साकेत दरबार तक पहुंचाता था।
अखिलेश के शिकार रवि सतीजा ने खुलकर आशीष द्विवेदी पर आरोप लगाया कि कमिश्नर ऑफिस में अपनी बेगुनाही की फरियाद लगाने के बाद बाहर निकलने पर आशीष द्विवेदी ने एक झटके में मामला समाप्त करने का झांसा देकर उसे साकेत दरबार में पहुंचाया था। अखिलेश दुबे सिंडिकेट पर शिकंजा कसने के बाद से आशीष ड्यूटी छोड़कर लापता है।
एसआईटी से इतर सूचना है कि बर्रा थाने के इंस्पेक्टर नीरज ओझा, दारोगा बृजेश सिंह और यादव मार्केट चौकी प्रभारी नितिन राणा भी साकेत दरबार के लिए काम करते थे। जल्द ही तीनों वर्दीधारियों पर भी सख्त कार्रवाई संभव है।
कश्यपकांत दुबे और महेंद्र सोलंकी भी हाजिर होंगे
अखिलेश दुबे सिंडिकेट के लिए विकास प्राधिकरण में नेटवर्क बनाने और शिकार की सूचनाएं दरबार तक पहुंचाने के आरोप में केडीए उपाध्यक्ष के निजी सचिव कश्यपकांत दुबे और मौजूदा समय में बस्ती विकास प्राधिकरण में तैनात महेंद्र सोलंकी को भी तलब किया गया है।
फिलहाल कश्यपकांत दुबे के खिलाफ आर्थिक कदाचार की शिकायत के मद्देनजर विभागीय जांच भी जारी है। हालांकि चर्चा है कि विकास प्राधिकरण के दो बड़े अफसर लीपापोती कर कश्यपकांत को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
महेंद्र सोलंकी करीब आठ साल पहले कानपुर विकास प्राधिकरण में तैनात थे। आरोप है कि उस वक्त सोलंकी ने अखिलेश दुबे की “सोने की लंका” को सजाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
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