श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्यमंत्री साल 1957 में बरबीघा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे! इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी लाला बाबू सहित क्षेत्र के कई बड़े लोग उनके अगुआ थे! श्री बाबू ने यह सभी को स्पष्ट कह दिया था कि वह जनता से वोट मांगने नहीं जाएंगे! उनका कहना था कि यदि जनता उनको लायक समझेगी तो वोट जरूर देगी! 5 साल अगर हमने कोई काम किया है तो मुझे वोट मांगने की जरूरत ही नहीं है! यदि मैंने कोई काम नहीं किया है तो जनता उस लायक नहीं समझती है तो मुझे वोट क्यों देगी?
85 वर्षीय चंद्रिका सिंह जो कि उनकी ग्रामीण क्षेत्र से हैं इस प्रसंग को याद करते हुए कहते हैं कि श्री बाबू वोट मांगने नहीं आते थे! इतना ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री रहते हुए जब वह गांव में आया करते थे तो बिल्कुल आम आदमी की तरह पेश आया करते थे! उन्होंने बताया कि वह गांव की सीमा के बाहर ही अपने सब पर अधिकारियों को छोड़ दिया करते थे कहते थे कि हम अपने घर आए हैं मुझे यहां कोई भी खतरा नहीं है!
एक प्रश्न को याद करते हैं बताते हैं कि माल है गांव में मध्य विद्यालय का शिलान्यास समारोह हुआ था जब श्री बाबू पहुंचे थे, कार्यक्रम के अंदर जनता ने गांव में सड़क की मांग की थी और श्री बाबू ने मंच से ही कहा था कि मैं गांव का नहीं पूरे बिहार का मुख्यमंत्री हु! पहले बिहार की सड़क बनेगी फिर तो गांव की सड़क भी बन जाएगी, कार्यक्रम के अंदर श्री बाबू भावविह्वल हो गए थे!
बरबीघा के पूर्व प्रमुख रामनरेश सिंह ने भी अपने समरण आलेख में इस बात का उल्लेख किया है! इसी तरह व बरबीघा के गौशाला में आयोजित एक समारोह का प्रसंग है उनकी प्रिय मित्र 23 गांव निवासी राधे बाबू पर सरकारी नलकूप का पानी निजी उपयोग में लाने की शिकायत गांव वालों ने उनसे की थी! तो उस समय श्री बाबू ने मंच से ही कहा था कि इसको सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी जनता की चीज है जनता ही उपयोग करेगी!
वहीं बिहार केसरी के नाम पर बरबीघा में विश्वविद्यालय खोलने की भी चर्चा होती है! चंद्रिका सिंह का कहना है कि अपने नाम पर कॉलेज खोले जाने से हुए बेहद नाराज हुए! जिसके चलते उन्होंने कहा था कि इसमें वह किसी प्रकार का सहयोग नहीं करेंगे, अलबत्ता यदि उनके नाम पर कॉलेज नहीं होगा तो वह सहयोग कर सकते हैं! हालांकि उस समय लाला बाबू सहित सभी स्थानीय लोगों ने उनका विरोध किया था और कहा था कि नहीं कॉलेज आपके नाम पर ही खोलेंगे, लोगों ने चंदा करके उनके नाम पर कॉलेज स्थापित किया लेकिन श्री बाबू ने कोई सहयोग नहीं दिया!