
Etah : डीएम प्रेमरंजन सिंह के निर्देशों के अनुपालन एवं एनजीटी के नियमों को दृष्टिगत रखते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर सतत निगरानी और कार्रवाई लगातार जारी है।
उप कृषि निदेशक ने बताया कि 02 नवंबर को सैटेलाइट द्वारा पराली जलाने की सूचना प्राप्त हुई थी। 
संबंधित क्षेत्रीय लेखपाल एवं कृषि विभाग की टीम द्वारा मौके पर निरीक्षण करने पर विकासखंड अवागढ़ के नारऊ वीरनगर निवासी अजय प्रताप सिंह पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह के खेत में पराली जलाए जाने की पुष्टि हुई। इस घटना पर नियमानुसार 5,000 रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।
उप कृषि निदेशक ने स्पष्ट किया कि खेतों में पराली जलाना दंडनीय अपराध है। पकड़े जाने पर पर्यावरण क्षति शुल्क निर्धारित है 
2 एकड़ तक: ₹5,000,
2 से 5 एकड़ तक: ₹10,000,
5 एकड़ से अधिक: ₹30,000।
पुनरावृत्ति की स्थिति में संबंधित कृषक के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे पराली न जलाएं, बल्कि नीचे दिए विकल्प अपनाएं 
मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर पराली को मिट्टी में मिलाएं,
या पराली को गौशालाओं में दान करें।
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