
बलरामपुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में अवैध धान कारोबार पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। किसानों के खातों और दस्तावेजों के दुरुपयोग कर अंतरराज्यीय स्तर पर धान की अवैध खरीद-बिक्री करने वाले मुख्य आरोपित श्याम सुन्दर गुप्ता और उसके भाई शिवम गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर आज रविवार को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। इस कार्रवाई से न सिर्फ एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि शासन को करोड़ों के संभावित नुकसान की परतें भी खुली हैं।
जारी विज्ञप्ति के अनुसार, थाना सनावल क्षेत्र में अवैध धान परिवहन और किसानों के साथ छल-कपट के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। अपराध क्रमांक 82/2025 के तहत दर्ज प्रकरण में आरोपित श्याम सुन्दर गुप्ता (35 वर्ष) एवं उसका भाई शिवम गुप्ता, दोनों निवासी कुर्लुडीह, को गिरफ्तार कर आज रविवार को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। प्रकरण में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 एवं 7 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 3(5) के तहत कार्रवाई की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 27 दिसम्बर की शाम करीब 8 बजे राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने अवैध धान परिवहन कर रहे एक पिकअप वाहन को पीछा कर पकड़ा। पूछताछ में वाहन चालक ने धान को कुर्लुडीह निवासी श्याम सुन्दर गुप्ता के घर अनलोड करने की बात स्वीकार की। इसके बाद पुलिस टीम ने बताए गए स्थान पर दबिश दी, जहां से अवैध धान के भंडारण और बिक्री से जुड़े सैकड़ों आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।
तलाशी के दौरान करीब 400 बोरी अवैध धान के साथ 62 चेकबुक, 22 कटे हुए चेक, 46 किसान किताब (भाग-एक), 59 किसान किताब (भाग-दो), 19 केसीसी पासबुक, 161 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की पासबुक, 261 भरे हुए विड्रॉल फॉर्म, 550 से अधिक हिसाब-किताब व बिल पर्चियां, 150 बैंक जमा व टोकन पर्चियां, 100 धान खरीदी केंद्र की तौल पर्चियां तथा अन्य कूटरचित अभिलेख बरामद किए गए। इसके अतिरिक्त तलाशी में 1 लाख 67 हजार 100 रुपये नकद भी जब्त किए गए।
विवेचना के दौरान गवाहों के कथन और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर यह सामने आया कि आरोपित श्याम सुन्दर गुप्ता किसानों के खातों में दूसरे राज्य, विशेषकर उत्तर प्रदेश से सस्ते दामों पर धान लाकर छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों में बिक्री करता था। इतना ही नहीं, वह किसानों से पूर्व में ही निकासी पर्चियों पर अंगूठा निशान लेकर उनके खातों से रकम आहरण करता था। इस पूरे अवैध कारोबार में आरोपित शिवम गुप्ता द्वारा समय-समय पर सहयोग किया जाना भी जांच में सामने आया है।
हिरासत में पूछताछ के दौरान दोनों आरोपितों ने अपने अपराध को स्वीकार किया है। पुलिस के अनुसार इस अवैध गतिविधि से न केवल किसानों के साथ धोखाधड़ी की गई, बल्कि शासन को भी गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर दोनों आरोपितों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है।










