सीएम दफ्तर का कर्मचारी बनकर डिप्टी कलेक्टर से ठग लिए 2.95 लाख रुपये, विभागीय जांच में राहत देने का दिया झांसा

MP News : मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक ठग ने खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएम ऑफिस) का कर्मचारी बताकर एक डिप्टी कलेक्टर से करीब तीन लाख रुपए हड़प लिए। आरोपी ने विभागीय जांच में सजा कम कराने का भरोसा दिलाया और इस जाल में फंसाकर कई किस्तों में 2 लाख 95 हजार रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। यह घटना थाटीपुर थाना क्षेत्र के न्यू अशोक कॉलोनी की है, जहां पुलिस ने साइबर फ्रॉड का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पूरा मामला कैसे शुरू हुआ?

पीड़ित डिप्टी कलेक्टर, अरविंद सिंह माहौर (41 वर्ष), जो उस समय मुरैना जिले के सबलगढ़ में पदस्थ थे, ने बताया कि 19 सितंबर की रात करीब 8 बजकर 17 मिनट पर उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। शुरुआत में उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया, लेकिन कुछ देर बाद उसी व्यक्ति ने उनके कलेक्टर महोदय को फोन कर खुद को सीएम पोर्टल ऑफिस का कर्मचारी बताना शुरू किया। फिर, जैसे ही दूसरे नंबर से डिप्टी कलेक्टर के मोबाइल पर कॉल आया, तो कॉलर आईडी पर ‘सीएम पोर्टल- अश्विनी’ लिखा हुआ दिखा, जिससे विश्वास हो गया।

आरोपी ने खुद को विभाग का कर्मचारी बताते हुए कहा कि डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई में सजा कम कराई जा सकती है, इसके लिए कुछ राशि योगदान के रूप में जमा करनी होगी। इस बात को भरोसे के साथ कहने के लिए आरोपी ने सरकारी भाषा का भी प्रयोग किया और अंदरूनी जानकारी भी साझा की।

धोखाधड़ी कैसे हुई?

आरोपी की बातों में फंसकर डिप्टी कलेक्टर ने 19 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच अलग-अलग समय पर ऑनलाइन वॉलेट और बैंक खातों के जरिए कुल 2 लाख 95 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। पैसे मिल जाने के बाद भी आरोपी लगातार और रकम की मांग करता रहा। जब डिप्टी कलेक्टर को शक हुआ और उन्होंने खुद जानकारी जुटाई, तो पता चला कि सीएम ऑफिस में अश्विनी नाम का कोई कर्मचारी पदस्थ नहीं है। इस पर उन्होंने तुरंत अपने पैसे वापस मांगने शुरू किए, लेकिन आरोपी ने बातचीत बंद कर दी और संपर्क भी तोड़ लिया।

साइबर हेल्पलाइन पर दर्ज हुई एफआईआर

अवगत होने के बाद डिप्टी कलेक्टर ने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर ई-जीरो एफआईआर दर्ज कराई। शिकायत सीसीटीएनएस (CCTNS) के माध्यम से थाटीपुर थाने पहुंची, जहां शनिवार (27 तारीख) को मामला दर्ज कर लिया गया और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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