
- आपातकाल के 50 वर्ष पूरे, भाजपा ने मनाया काला दिवस
महाराजगंज। उत्तर प्रदेश की मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा कि आपातकाल को भारत कभी नहीं भूलेगा। आपातकाल 1975-1977 को भारत के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था, प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया था, और लोकतांत्रिक संस्थाओं को दबा दिया गया था।25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति के आधार पर आपातकाल की घोषणा की थी।इस दौरान संविधान के कई प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया था,और सरकार ने बिना किसी न्यायिक हस्तक्षेप के मनमाने ढंग से काम किया।
आपातकाल में, लोगों के मौलिक अधिकारों, जैसे कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता और संगठन बनाने की स्वतंत्रता, पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।विपक्ष के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, जेलों में डाला गया,और उन पर अत्याचार किए गए।आपातकाल ने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को गंभीर रूप से कमजोर किया और देश को एक अधिनायकवादी शासन के करीब ला दिया।उन्होंने आपातकाल को लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय बताया जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।आपातकाल भारत के लिए एक सबक है कि कैसे लोकतंत्र को खतरे में डाला जा सकता है और नागरिकों के अधिकारों को कुचला जा सकता है। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अशोक पांडेय उर्फ संजय पांडेय, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष छठे लाल निगम, जिला पंचायत अध्यक्ष रविकांत पटेल, पनियरा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह, सदर विधायक जय मंगल कन्नौजिया मौजूद रहे