
- 20 मई से 72 घंटे का कार्य बहिष्कार, एसएसओ से लेकर लाइन स्टाफ तक होंगे शामिल
- जनपद लखीमपुर सहित पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति पर संकट के बादल
बिजुआ खीरी : उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में कार्यरत निविदा और संविदा आउटसोर्सिंग बिजली कर्मचारियों ने प्रबंधन की उपेक्षा और मनमानी के विरोध में आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि आगामी 20 मई 2025 को ए-पाली (रात्रि 12:00 बजे से प्रातः 08:00 बजे तक) से शुरू होकर 72 घंटे तक संपूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इस दौरान एसएसओ, लाइनमैन, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित सभी वर्ग के कर्मचारी अपने कार्यों से विरत रहेंगे।
यह निर्णय उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ की ओर से लिया गया है। संघ के जिला अध्यक्ष ध्रुव कुमार मिश्रा द्वारा अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल, गोला को भेजे गए पत्र में कार्य बहिष्कार की सूचना देते हुए बताया गया है कि यह आंदोलन पावर कारपोरेशन प्रबंधन की गलत नीतियों और कर्मचारियों की उपेक्षा के खिलाफ है।
संवेदनहीनता से भड़का आक्रोश
संघ के मुताबिक, 15 मई 2017 को जारी आदेशानुसार ग्रामीण उपकेंद्रों पर 20 एवं शहरी उपकेंद्रों पर 36 कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए थी। परंतु आज स्थिति यह है कि मात्र 12.5 और 18.5 कर्मचारी ही तैनात किए जा रहे हैं। इससे न केवल कर्मचारियों की छंटनी हो रही है बल्कि पहले से कार्यरत कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक दबाव भी पड़ रहा है।
संघ ने आरोप लगाया है कि संविदा कर्मियों से तकनीकी और जानलेवा कार्य जैसे लाइनमैन ड्यूटी और उपकेंद्र संचालन कराए जा रहे हैं, जबकि उन्हें न पर्याप्त सुरक्षा उपकरण दिए जा रहे हैं और न ही समय से वेतन भुगतान हो रहा है। इतना ही नहीं, 55 वर्ष की आयु पार कर चुके कर्मचारियों को मनमाने तरीके से सेवा से बाहर किया जा रहा है। मार्च 2023 में हटाए गए कर्मचारियों को अब तक बहाल नहीं किया गया है। ईपीएफ घोटालों की जांच भी अधर में लटकी हुई है, वहीं घायल कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की मांगें भी अनसुनी कर दी गई हैं। लखनऊ तक पहुंचेगा विरोध का स्वर।
इन सभी मांगों को लेकर 15 मई 2025 को संगठन ने लखनऊ स्थित शक्ति भवन पर विशाल सत्याग्रह किया, किंतु प्रबंधन द्वारा कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला। इसके बाद 16 मई से प्रदेश भर में चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया गया, जो अब 20 मई को बड़े प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार में तब्दील होने जा रहा है। कर्मचारी लखीमपुर से लेकर लखनऊ के इको गार्डन तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका
72 घंटे तक चलने वाले इस कार्य बहिष्कार से जिले की बिजली व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। आपात स्थिति में विद्युत सुधार कार्य, फाल्ट सुधार, ट्रांसफार्मर परिवर्तन जैसे कार्यों में भारी देरी हो सकती है। ऐसे में आमजन को बिजली कटौती और सेवाओं में बाधा का सामना करना पड़ सकता है।
प्रशासन से सहयोग की अपील
संगठन ने अधीक्षण अभियंता सहित जिले के उच्च अधिकारियों को सूचित करते हुए निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखने हेतु आवश्यक कदम उठाने की अपील की है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो यह आंदोलन और भी व्यापक रूप ले सकता है।
जनता को सलाह दी गई है कि अनावश्यक बिजली उपयोग से बचें और किसी भी आपात स्थिति में संबंधित एसडीओ या अधिशासी अभियंता से संपर्क करें।