
लखनऊ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में शक्ति भवन के मुख्य द्वार पर बिजली कर्मचारियों ने जोरदार प्रर्दशन किया। संविदा कर्मियो की बडी पैमाने पर हो छंटनी और दो हजार से अधिक बिजली कर्मचारियों का वेतन रोके जाने से कर्मचारियों में प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त था।
धरने को सम्बोधित करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निदेशक वित्त निधि नारंग को सलाहकार के रूप में सेवा विस्तार देकर निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को बढाया है। झूठा शपथ पत्र देने वाले कंसलटेण्ट को बचाने में यही निधि नारंग और पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अभी भी लगे हैं। आने वाले दिनों में संघर्ष समिति निजीकरण के नाम पर चल रहे खेल का खुलासा करेगी। फेशियल अटेंडेस के नाम पर दो हजार से अधिक बिजली कर्मचारियों का वेतन रोक लिया गया। हटाये गये सभी संविदाकर्मियों को वापस बुलाया जाना चाहिए। प्रबंधन की इन कार्यवाईयों से बिजली कर्मचारियों का गुस्सा फूट पडा है। क्रमिक अनशन में दो सौ से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। कल केस्को और कानपुर के बिजली कर्मचारियों के साथ प्रर्दशन किया जायेगा। इसके साथ ही बाइक रैली निकाल कर कल विरोध जताया जायेगा। प्रर्दशन में अजय कुमार,सुहेल आबिद,मो वसीम समेत बडी संख्या में बिजली कर्मचारी उपस्थित थे।