यूपी समेत छह राज्यों में SIR की समयसीमा बढ़ी, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला …पढ़ें नया शेड्यूल

चुनाव आयोग ने विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान (SIR) 2026 के तहत दावे और आपत्तियां जमा करने की अंतिम तिथि छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बढ़ा दी है। आयोग ने यह निर्णय विभिन्न राज्यों में प्राप्त आवेदनों की संख्या तथा तकनीकी और प्रशासनिक कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया।

तमिलनाडु और गुजरात में समय सीमा 19 दिसंबर तक बढ़ी

तमिलनाडु और गुजरात में SIR फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर 2025 निर्धारित थी। आयोग ने इसे बढ़ाकर अब 19 दिसंबर 2025 कर दिया है। इससे दोनों राज्यों के हितधारकों को आवश्यक दस्तावेज तैयार करने और जमा करने के लिए पांच अतिरिक्त दिन मिल गए हैं।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार में नई अंतिम तिथि 23 दिसंबर

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लिए दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 23 दिसंबर 2025 कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश में समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ी

उत्तर प्रदेश में SIR की अंतिम तिथि 26 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी गई है। चुनाव आयोग ने इन सभी राज्यों के मतदाताओं से अपील की है कि वे बढ़ी समय सीमा का लाभ उठाते हुए आवश्यक प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर लें।

यूपी ने मांगा था अतिरिक्त समय

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि राज्य में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) को सुव्यवस्थित ढंग से पूरा करने तथा मतदाता सूची को अधिक सटीक बनाने के लिए आयोग से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा गया था। इसका उद्देश्य मृतक, स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाताओं का पुन: सत्यापन करना है।

नए संशोधित कार्यक्रम की घोषणा

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग ने पात्रता तिथि 1 जनवरी 2026 के आधार पर चल रहे पुनरीक्षण कार्यक्रम को 15 दिनों के विस्तार के साथ पुन: संशोधित कर दिया है।

संशोधित कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

  • गणना अवधि: 26 दिसंबर 2025 तक
  • निर्वाचन नामावलियों का प्रारूप प्रकाशन: 31 दिसंबर 2025
  • दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि: 31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026
  • नोटिस चरण व निस्तारण: 31 दिसंबर 2025 से 21 फरवरी 2026
  • अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 28 फरवरी 2026

चुनाव आयोग ने कहा है कि यह विस्तार मतदाता सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने में सहायक होगा। 

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