
महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार को नागपुर में चल रहे विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान विधानसभा में शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सुनील प्रभू की ओर से उपस्थित कुत्तों की समस्या का जवाब दे रहे थे। सुनील प्रभू ने कहा था कि मुंबई, पुणे, नागपुर और कल्याण-डोंबिवली जैसे बड़े शहरों में आवारा कुत्तों की बढ़ गई है। इन कुत्तों के शिकार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रभू ने राज्य सरकार से इस समस्या का समाधान करने की मांग की थी।
महाराष्ट्र में 30 लाख से ज़्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा है। जबकि 2021 और 2023 के बीच रेबीज़ से 30 लोगों की मौत हो गई है। इसे देखते हुए नगर निकायों को एनिमल बर्थ कंट्रोल और एंटी-रेबीज़ वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज़ करने का निर्देश दिया गया है।
इसका जवाब देते हुए शिंदे ने कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में कुत्तों के काटने की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसे देखते हुए नगर निकायों को अगस्त 2024 में सुप्रीम कोर्ट के जारी निर्देशों के अनुसार एनिमल बर्थ कंट्रोल और एंटी-रेबीज़ वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज़ करने का निर्देश दिया गया है। शहरी विकास विभाग ने 14 नवंबर को सभी सिविक बॉडीज़ को निर्देश जारी किए, जबकि ग्रामीण लोकल बॉडीज़ को 27 नवंबर को ऐसे ही निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस साल मार्च में जारी सरकारी आदेशों के बाद एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 को पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। रेबीज़ से मरने वालों के परिवारों को मुआवज़ा और आवारा कुत्तों की आबादी को मैनेज करने में देरी के सवालों का जवाब देते हुए, शिंदे ने कहा कि अभी यह मामला नहीं उठता है।
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